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Interest Rate Hike का अर्थव्यवस्था पर कितना हो रहा है असर, महंगाई के मोर्चे पर क्या हैं जमीनी हालात

Interest Rate Hike दुनिया के लगभग सभी केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में इजाफा किया जा रहा है। आरबीआई की ओर से भी पिछले चार महीनों में ब्याज दरों में 1.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा चुकी है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 01:12 PM (IST)
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What is the effect of the interest rate hike on the economy, negative or positive; Know full details
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अमेरिका में बुधवार को फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में रिकॉर्ड 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। फेड का कहना है कि महंगाई पर काबू पाने तक ब्याज दर 4.6 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।

अमेरिका के साथ दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंक भी महंगाई को काबू में लाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सहारा ले रहे हैं। इसमें भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का नाम भी शामिल है। आरबीआई  पिछले चार महीनों में ब्याज दरों में 1.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है। वहीं, अमेरिका हो या भारत ब्याज दर बढ़ने का असर महंगाई पर थोड़ा कम ही देखने को मिल रहा है। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर ब्याज दरों में कटौती का क्या असर हो रहा है।

कर्ज की लागत में इजाफा

ब्याज दर बढ़ने का सीधा असर कर्ज की लागत पर पड़ता है। यह विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डालता है। इससे कर्ज लेने के की लागत बढ़ जाती है, जिससे लोग पहले के मुकाबले कम लोन ले पाते हैं। अर्थव्यवस्था में लोगों पर पहले के मुकाबले कम पैसा रह जाता है।

मुद्रा पर प्रभाव

ब्याज दर बढ़ने का सीधा प्रभाव किसी भी देश की मुद्रा पर देखा जाता है। हाल के दिनों में देखा गया है कि जैसे ही अमेरिका ने ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू किया, तब से भारत समेत दुनिया के अन्य देशों की मुद्राओं में बड़ी गिरावट देखने को मिली हैं। इससे एक तरफ यूएस के लिए निर्यात करना महंगा हो गया है और वहीं, डॉलर की कीमत बढ़ने से भारत समेत दुनिया के अन्य देशों के लिए आयात महंगा हो गया है।

महंगाई में कमी आने में लगेगा समय

अमेरिका में बात करें तो अगस्त में जारी हुए ब्याज दर के आंकड़ों में महंगाई घटकर 8.3 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि जुलाई में 8.5 प्रतिशत थी। दूसरी तरफ भारत में ब्याज दर बढ़ने के बावजूद अगस्त में खुदरा महंगाई बढ़कर 7 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो कि जुलाई में 6.7 प्रतिशत थी। जानकारों का कहना है कि ब्याज दर बढ़ाने का असर आने में किसी अर्थव्यवस्था में कम से कम दो से तीन महीने का समय लगता है।

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