भारतीय किसानों के लिए बड़ी खबर, मिस्र भारत से खरीदेगा गेहूं
भारत में प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश राजस्थान बिहार और गुजरात हैं। यहां से गेहूं को अब बाहर के बाजारों में निर्यात के लिए भेजा जाएगा। इस बार किसानों ने ज्यादा गेहूं की पैदावार की है।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Sat, 16 Apr 2022 07:58 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दे दी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के कारण मिस्र को गेहूं के आयात में मुश्किल हो रही है। इस संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में भारी गिरावट आई है। दोनों देश गेहूं के बड़े उत्पादक और निर्यातक हैं। मिस्र ने 2020 में रूस से लगभग 1.8 बिलियन डालर और यूक्रेन से 610.8 मिलियन डालर का गेहूं आयात किया था। अब यह खरीद का मौका भारतीय किसानों को मिलेगा।
मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दी गोयल ने कहा कि अफ्रीकी देश मिस्र भारत से 10 लाख टन गेहूं आयात करना चाहता है और उसे अप्रैल में 2,40,000 टन गेहूं की जरूरत होगी। भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं। मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दी।
मिस्र स्रोत ढूंढने में लगामिस्र खाद्य आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहा है। हमारे किसानों ने सुनिश्चित किया है कि हमारे अन्न भंडार भरपूर हैं और हम दुनिया की सेवा के लिए तैयार हैं।
गेहूं निर्यात अप्रैल-जनवरी 2021- 22 में बढ़कर 1.74 बिलियन डॉलर गोयल ने बताया कि भारत का गेहूं निर्यात अप्रैल-जनवरी 2021-22 में बढ़कर 1.74 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 340.17 मिलियन डॉलर था। 2019-20 में गेहूं का निर्यात 61.84 मिलियन डालर का था, जो 2020-21 में बढ़कर 549.67 मिलियन डॉलर हो गया।भारत पड़ोसी देशों को ज्यादा देता है गेहूं
भारत का गेहूं निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को होता है, जिसमें 2020-21 में मात्रा और मूल्य दोनों के लिहाज से बांग्लादेश की सबसे बड़ी हिस्सेदारी 54 प्रतिशत से अधिक है। भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे नए गेहूं बाजारों में प्रवेश किया है ।