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Elon Musk ने ट्रंप के लिए तन-मन-धन झोंका, बदले में अब नफा होगा या नुकसान?

Elon Musk Trump alliance टेस्ला स्पेसएक्स और एक्स के मालिक एलन मस्क अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जिताने (Musk support impact) के लिए पूरी शिद्दत से जुटे थे। उन्होंने ट्रंप को भारी-भरकम डोनेशन दिया उनके लिए रैलियां की और सोशल मीडिया पर भी लगातार कैंपेन किया। ऐसे में सवाल उठता है कि ट्रंप की जीत के बाद मस्क को क्या मिलेगा? क्या उन्हें फायदा होगा या फिर नुकसान?

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Thu, 07 Nov 2024 10:42 AM (IST)
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टेस्ला के शेयर बुधवार को 15 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 'अगर ट्रंप हार गए, तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा... आपको क्या लगता है कि मुझे जेल की सजा कितनी लंबी होगी?' अमेरिकी राजनीतिक टिप्पणीकार टकर कार्लसन को दिए इंटरव्यू में यह बात कही थी अमेरिकी अरबपति और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने।

किसी भी सौदे का पहला उसूल यह होता है कि दांव लगाने से पहले नफा-नुकसान का पूरा मोलभाव कर लिया जाए। यह बात नौसिखिये कारोबारियों को भी पता होती है। ऐसे में अगर एलन मस्क जैसा तजुर्बेकार कारोबारी कोई बड़ा दांव लगाता है, वह व्यापार से हटकर सियायत में, तो उसके कई मायने निकलते हैं।

ट्रंप को जिताने के लिए मस्क पूरी शिद्दत से जुटे थे। उन्होंने तन-मन-धन से ट्रंप का पूरा सहयोग किया। ट्रंप ने भी जीतने का मस्क का खासतौर पर जिक्र किया और उन्हें जीनियस स्टार बताया। अब सवाल यह उठता है कि ट्रंप के लिए तन-मन-धन झोंकने को वाले मस्क को उनकी जीत से क्या फायदा और नुकसान होगा।

मस्क ने ट्रंप के लिए क्या किया?

दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला के मालिक ने मौजूदा राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया। इसकी शुरुआत उन्होंने करीब दो साल पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब एक्स) को खरीद की। अब सियासी जानकार भी मान रहे हैं कि इसने ट्रंप के पक्ष में माहौल में काफी अहम भूमिका निभाई।

दरअसल, 2021 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप हार गए। उन्होंने फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप लगाया कि उन्हें हराने के लिए धांधली की गई है। इन दोनों प्लेटफॉर्म ने भड़काऊ भाषण देने के लिए ट्रंप के अकाउंट को बैन कर दिया। फिर मस्क ने ट्विटर खरीदकर ट्रंप के अकाउंट से बैन हटाया। इससे ट्रंप और उनके समर्थकों को मतदाताओं के बड़े वर्ग तक पहुंचने में मदद मिली।

ट्रंप के लिए निवेश पर 12,761 फीसदी रिटर्न

अमेरिकी चुनाव आयोग का डेटा बताता है कि एलन मस्क ने ट्रंप के सपोर्ट में बनी राजनीतिक समिति को करीब 119 मिलियन डॉलर का डोनेशन दिया। वह ट्रंप के साथ रैलियों में दिखाई दिए हैं और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्हें प्रमोट करने वाला इंटरव्यू भी लिया। वह अपने पोस्ट में लगातार ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रैटिक पार्टी उम्मीदवार कमला हैरिस पर निशाना भी साधते रहे।

ट्रंप के जीतने पर मस्क उनका इनाम भी मिला। टेस्ला के शेयर बुधवार को 15 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए। मस्क के पास टेस्ला के 411 मिलियन शेयर हैं। उनका 15 बिलियन डॉलर से अधिक बढ़ गया। यह ट्रंप के लिए डोनेट किए गए 119 मिलियन डॉलर पर 12,761 फीसदी रिटर्न के बराबर है। टेस्ला के शेयर इस साल अब तक सिर्फ 1 फीसदी बढ़े थे, ऐसे में जाहिर है कि मस्क का निवेश बेमानी नहीं गया।

ट्रंप की जीत से टेस्ला को नुकसान?

ट्रंप की जीत से मस्क को भले ही तात्कालिक फायदा हुआ हो, लेकिन उनकी टेस्ला के लिए जोखिम भी बढ़े हैं। दरअसल, ट्रंप इलेक्ट्रिक गाड़ियों के धुर-विरोधी माने जाते हैं। उनका दावा है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियां काफी महंगी हैं, उनकी रेंज सीमित है, और वे नौकरियों के साथ अमेरिकी ऑटो इंडस्ट्री को बर्बाद कर देंगे। वहीं, जो बाइडेन सरकार की नीतियां इलेक्ट्रिक व्हीकल के पक्ष में थीं।

बाइडेन सरकार ने ईवी मैन्युफैक्चरिंग के अरबों डॉलर का लोन दिया। अगर कमला हैरिस जीत जातीं, तो ये नीतियां जाहिर तौर पर जारी रहतीं। हालांकि, अगर ट्रंप अपने वादे के मुताबिक इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सरकारी मदद खत्म करते हैं, तो उससे टेस्ला को ज्यादा नुकसान होने की आशंका नहीं है। टेस्ला अब जिस मुकाम पर पहुंच गई है, वहां पर उसे सरकारी मदद की दरकार वैसे भी नहीं है।

क्या एलन मस्क मंत्री बनेंगे ?

एलन मस्क खुलकर डोनाल्ड ट्रंप का एडवाइजर बनने की ख्वाहिश जता चुके हैं। उन्होंने ट्रंप के लिए एक रैली के दौरान अमेरिका के बढ़ते कर्ज पर चिंता जताई थी। मस्क ने कहा था, "जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है। मैं अमेरिका के बजट में से कम से कम 2 ट्रिलियन डॉलर बचा सकता हूं।" अमेरिका का कर्ज 35.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। सरकार सालाना 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा केवल ब्याज चुकाने में खर्च कर रही है। उन्होंने इसे फाइनेंशियल इमरजेंसी बताते हुए तत्काल समाधान की बात कही थी।

उस वक्त चर्चाओं का बाजार गर्म था कि अगर ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं, तो मस्क को वित्त मंत्री बनाया जा सकता है। अब जबकि ट्रंप जीत गए हैं, तो शायद मस्क को वित्त मंत्री बनाने का मौका भी है और दस्तूर भी। आखिर उन्होंने ट्रंप के लिए अपना सबकुछ दांव पर भी तो लगा दिया था।

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