एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव से MSME में बढ़ेगी मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी, क्या रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे?
बजट में घोषित नई स्कीम के मुताबिक पहली बार किसी को नौकरी देने पर पहले महीने की 15000 रुपए तक की तनख्वाह सरकार देगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार देने पर चार साल तक पहली बार भर्ती हुए उस कर्मचारी की भविष्य निधि (पीएफ) में पूरा योगदान सरकार देगी। मतलब कर्मचारी की तरफ से और रोजगार देने वाले दोनों की तरफ से सरकार उस कर्मचारी का पीएफ देगी।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए गत जुलाई पेश बजट में वित्त मंत्रालय ने एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) स्कीम की घोषणा की है। इससे एमएसएमई में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़ सकती है। एमएसएमई को अब सरकार की घोषित स्कीम के नोटिफिकेशन का इंतजार है ताकि वे नई भर्ती शुरू कर सके।
एमएसएमई का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग की कुल लागत में श्रम लागत की हिस्सेदारी अहम होती है। सरकार की ईएलआई स्कीम से लागत में कमी आएगी और उद्यमी मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस कर सकेंगे। मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में अब भी 6.33 करोड़ एमएसएमई है और इनमें 31 प्रतिशत हिस्सेदारी मैन्युफैक्चरिंग की है।
देश में एमएसएमई की संख्या 6.33 करोड़
पिछले दस सालों से अभी अधिक समय से सरकार एमएसएमई की संख्या 6.33 करोड़ बता रही है। इन 6.33 करोड़ में से इस साल 31 मार्च तक उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले एमएसएमई की संख्या 4.19 करोड़ है और पंजीकृत एमएसएमई में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी सिर्फ 19 प्रतिशत है। 36 प्रतिशत सर्विस सेक्टर से है तो बाकी के 45 प्रतिशत ट्रेडिंग से जुड़े हैं। सरकारी स्कीम का लाभ उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत उद्यमी ही ले सकेंगे।बजट में घोषित नई स्कीम के मुताबिक पहली बार किसी को नौकरी देने पर पहले महीने की 15,000 रुपए तक की तनख्वाह सरकार देगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार देने पर चार साल तक पहली बार भर्ती हुए उस कर्मचारी की भविष्य निधि (पीएफ) में पूरा योगदान सरकार देगी। मतलब कर्मचारी की तरफ से और रोजगार देने वाले दोनों की तरफ से सरकार उस कर्मचारी का पीएफ देगी।
एमएसएमई को नोटिफिकेशन का इंतजार
फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल व मीडियम इंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष राकेश छाबड़ा ने बताया कि हमें अब ईएलआई स्कीम के नोटिफिकेशन का इंतजार है। इस स्कीम से मैन्युफैक्चरिंग में एक नए श्रमिक को नौकरी देने पर उद्यमी को 87 हजार रुपए का फायदा होगा। पहले माह की 15,000 रुपए की तनख्वाह और पीएफ में उद्यमी की तरफ से दिए जाने वाले सालभर का 18 हजार रुपए के हिसाब से चार साल में 72,000 रुपए भी सरकार देगी।
छाबड़ा ने बताया कि छोटे उद्योग में नए श्रमिकों की शुरुआती वेतन 15,000 रुपए तक ही होती है। इंटिग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज के चेयरमैन राजीव चावला ने बताया कि निश्चित रूप से मैन्युफैक्चरिंग में ईएलआई स्कीम से रोजगार में बढ़ोतरी होगी, लेकिन 20 से कम कर्मचारी रखने वाले नियोक्ता को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।20 से अधिक कर्मचारी रखने पर ही पीएफ का नियम लागू होता है। स्कीम का एक फायदा यह भी होगा कि पहली बार भर्ती होने वाले सैकड़ों कर्मचारी पीएफ का लाभ मिलने से संगठित सेक्टर में शामिल हो जाएंगे। उद्यमियों ने बताया कि ईएलआई स्कीम से उनकी मैन्युफैक्चरिंग लागत कम होगी तो वे निर्यात के लिए भी प्रोत्साहित हो सकते हैं।
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