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मई में EPFO से जुड़े 16.30 लाख सदस्य, 9 लाख के करीब है नए मेंबर की संख्या

श्रम विभाग ने आज डेटा जारी कर कहा कि मई में कुल 16300 सदस्य ईपीएफओ में शामिल हुए। मंत्रालय के मुताबिक मई में नए ईपीएफओ सदस्यों की कुल संख्या 8.83 लाख थी जो पिछले छह महीनों में सबसे ज्यादा है। मंत्रालय के अनुसार युवा को तेजी से रोजगार मिल रहा है इन 16.30 लाख सदस्यों में से अधिकांश युवा पहली बार औपचारिक क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 20 Jul 2023 10:14 PM (IST)
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16.30 lakh members joined EPFO ​​in May, the number of new members is close to 9 lakh

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: श्रम मंत्रालय ने आज आंकड़े जारी करते हुए बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से मई में कुल 16.30 लाख सदस्य जुड़े हैं।

9 लाख के करीब नए सदस्यों की संख्या

मंत्रालय के आंकड़ो के मुताबिक, मई में ईपीएफओ से जुड़ने वाले कुल सदस्यों में नए सदस्यों की संख्या 8.83 लाख है जो पिछले छह महीनों में सबसे ज्यादा है।

मंत्रालय के मुताबिक नए सदस्यों में 18 से 25 आयुवर्ग वाले सदस्यों की हिस्सेदारी 56.42 प्रतिशत है जिससे यह पता चलता है कि युवाओं में रोजगार के प्रति रुख बढ़ा है। इनमें से अधिकांश युवा पहली बार औपचारिक क्षेत्र के श्रमबल में शामिल हुए हैं।

कितने सदस्य जुड़े दोबारा?

आंकड़ो के मुताबिक 11.41 लाख सदस्य ऐसे है जो फिर से ईपीएफओ से जुड़े हैं। पिछले महीने नए 8.83 लाख सदस्यों में से महिलाओं की संख्या 2.21 लाख है।

इसके अलावा कुल 16.30 लाख सदस्यों में महिलाओं की संख्या 3.15 लाख रही है। आपको बता दें कि मई में महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा सदस्य जुड़े हैं। इसके बाद तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात का स्थान है।

क्या है EPFO?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है। देश का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन होने के नाते, यह मुख्य रूप से लोगों को अन्य बातों के अलावा सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित करता है। ईपीएफओ श्रम और रोजगार मंत्रालय के दायरे में आता है जिसकी स्थापना 1951 में हुई थी।

कितना है EPF का ब्याज दर?

आपको बता दें कि पीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 8.15 फीसदी है। किसी वित्तीय वर्ष के अंत में ईपीएफ खाते में जमा होने वाली ब्याज राशि की गणना आसानी से करना संभव है।

खाते में कुल शेष राशि जानने के लिए यह राशि वर्ष के अंत में नियोक्ता और कर्मचारी के योगदान में जोड़ दी जाती है।