EPFO मेंबर्स के लिए खुशखबरी: अब दफ्तरों का चक्कर काटने की जरूरत नहीं, घर बैठे होंगे ये काम
कई बार EPFO मेंबर को अपने अकाउंट में जरूरत अपडेट करने होते हैं जैसे कि नाम जन्मतिथि या फिर वैवाहिक स्थिति बदलवाना। उन्हें इसके लिए EPFO के दफ्तर जाना पड़ता है और इसमें काम और समय का नुकसान भी होता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वे अपने अकाउंट से जुड़ी जानकारियों को ऑनलाइन अपडेट करवा सकेंगे। यह जानकारी खुद EPFO ने दी है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सदस्यों की संख्या और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की संख्या के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठनों में से एक है। फिलहाल इसके 7.5 करोड़ से अधिक सदस्य हैं। ये सभी मेंबर हर महीने भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योजनाओं में सक्रिय रूप से योगदान देते हैं।
हालांकि, कई बार EPFO मेंबर को अपने अकाउंट में जरूरत अपडेट करने होते हैं, जैसे कि नाम, जन्मतिथि या फिर वैवाहिक स्थिति बदलवाना। उन्हें इसके लिए EPFO के दफ्तर जाना पड़ता है और इसमें काम और समय का नुकसान भी होता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। वे अपने अकाउंट से जुड़ी जानकारियों को ऑनलाइन अपडेट करवा सकेंगे।
कैसे होगा अपडेशन का काम
EPFO ने शनिवार को कहा कि अब प्रोविडेंट फंड (PF) के सदस्य अपने डेटा में बदलाव या सुधार के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। साथ ही इससे संबंधित दस्तावेज भी ऑनलाइन अपलोड किए जा सकते हैं।ईपीएफओ ने अपनी वेबसाइट पर एक नया सॉफ्टवेयर शुरू किया है। यह मजबूत कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) में सदस्य के डेटा को मान्य करता है। इसके जरिए पीएफ सदस्य अपने प्रोफाइल में नाम, लिंग, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, राष्ट्रीयता और आधार आदि को अपडेट या सही कर सकते हैं।
हजारों आवेदन को मिली मंजूरी
ईपीएफओ ने बताया कि सदस्यों ने नई सुविधा का लाभ लेना शुरू कर दिया है और अब तक क्षेत्रीय कार्यालय करीब 40 हजार आवेदन को अपनी मंजूरी दे चुके हैं। नई सुविधा के तहत पीएफ सदस्यों से अब तक करीब 2.75 लाख आवेदन मिले हैं। अभी ईपीएफओ के पास करीब 7.5 करोड़ सक्रिय सदस्य हैं।ईपीएफओ चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों में सदस्यों के करीब 87 लाख दावों का निपटान कर चुका है। इनमें आवास के लिए अग्रिम राशि, बच्चों की मैट्रिक के बाद की पढ़ाई, शादी, बीमारी, अंतिम भविष्य निधि निपटान, पेंशन, बीमा आदि जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ जैसे मामले शामिल हैं।
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