Short Selling: क्या होती है शेयर बाजार में शॉर्ट सेलिंग? कैसे दिया जाता है इसे अंजाम, आसान भाषा में समझें
What is short selling in stock market शॉर्ट सेलिंग बाजार में भाग लेने का एक तरीका है। इसे काफी पेचीदा स्ट्रेटेजी माना जाता है। इसे आप कैश ऑप्शन और फ्यूचर्स के जरिए कर सकते हैं। (जागरण फाइल फोटो)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 07 Feb 2023 01:31 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। What is Short Selling: शॉट सेलिंग या शॉटिंग शेयर बाजार की एक बाजार की एक एडवांस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसके जरिए एक ट्रेडर बाजार में भाग लेता है। हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अडानी ग्रुप पर रिपोर्ट सामने आने के बाद से ये शब्द लगातार चर्चा में बना हुआ है।
हिंडनबर्ग की ओर से रिपोर्ट जारी कर कहा था कि उसने यूएस ट्रेडेड बॉन्ड्स और नॉन- इंडियन ट्रेडेड डेरिवेटिव्स में शॉर्ट पोजिशन बनाई हुई है। ऐसे में लोगों में मन नें सवाल उठ रहा है कि आखिर शॉट सेलिंग होती क्या है और इससे कैसे पैसे कमाए जा सकते हैं।
शेयर बाजार में शॉर्ट सेलिंग क्या है?
शॉर्ट सेलिंग एक काफी पेचीदा ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी होती है। इसके तहत बाजार में कारोबार करने वाला ट्रेडर शेयरों को पहले ऊंचे कीमत पर बेच देता है और फिर निचले भाव पर खरीदता है और इन दोनों के बीच में होने वाला अंतर ट्रेडर का मुनाफा होता है।बाजार नियामक सेबी की ओर से दी गई परिभाषा के अनुसार, शॉर्ट सेलिंग वह होती है, जिसमें ट्रेडर अपने पास न होते हुए भी शेयर को बेच देता है। ये बाजार में मार्जिन पर बेचे जाते हैं और बाद में कीमत नीचे गिरने पर खरीद लिए जाते हैं।
कैसे करते हैं शॉर्ट सेलिंग?
बाजार में शॉर्ट सेलिंग तीन तरीके से हो सकती है। पहला - कैश, दूसरा - ऑप्शन, तीसरा - फ्यूचर्स। यहां ध्यान देनी वाली बात है कि कैश में केवल इंट्रडे शॉर्ट सेलिंग हो सकती है, जबकि ऑप्शन और फ्यूचर्स में लिए गए शॉट्स को कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है। बता दें, शॉर्ट सेलिंग पर नियामक कड़ी निगरानी रखता है और कोई भी गड़बड़ी मिलने पर तुरंत कार्रवाई करता है।