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भारत का माल निर्यात करीब 390 अरब डॉलर हुआ, पीयूष गोयल ने दी जानकारी

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को बताया कि 14 मार्च तक भारत का माल निर्यात करीब 390 अरब डॉलर का हुआ जबकि चालू वित्त वर्ष में यह 400 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा कि अब घरेलू बाजारों को खोलना होगा।

By Lakshya KumarEdited By: Updated: Thu, 17 Mar 2022 03:46 PM (IST)
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भारत का माल निर्यात करीब 390 अरब डॉलर हुआ, पीयूष गोयल ने दी जानकारी

नई दिल्ली, पीटीआइ/बिजनेस डेस्क। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत का माल निर्यात 14 मार्च तक करीब 390 अरब डॉलर पर पहुंच गया है और चालू वित्त वर्ष में यह 400 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऑटो कंपोनेंट उद्योग ने पहली बार 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार सरप्लस दर्ज किया है। मंत्री ने वाहन निर्माताओं से उत्पादों के आयात की जगह स्थानीय उत्पादों को खरीदने का आग्रह किया। उन्होंने यहां 16 मार्च को ऑटोमोटिव कंपोनेंट सेक्टर के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

गोयल ने कहा कि भारत अब बंद और सुरक्षात्मक होने का जोखिम नहीं उठा सकता है। घरेलू बाजारों को खोलना होगा। इसके अलावा, उन्होंने ऑटो उद्योग से आरएंडडी (अनुसंधान और विकास), विशेष रूप से ई-मोबिलिटी में अधिक निवेश करने, प्रदर्शन के लिए उच्च मानक स्थापित करने और शीर्ष-50 वैश्विक ऑटोमोटिव सप्लायर क्लब में पांच भारतीय कंपनियों को लाने की इच्छा रखने के लिए कहा।

वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को मंत्री के हवाले से कहा, "14 मार्च तक भारत का माल निर्यात लगभग 390 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और निश्चित रूप से चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।"

जीआई-टैग वाले कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान

इससे अलग वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से बताया गया कि जियॉग्राफिकल इंडीकेशंस(जीआई टैग) वाले स्थानीय स्तर पर मौजूद कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के क्रम में केंद्र नये उत्पादों तथा नये निर्यात गंतव्यों की पहचान करने के प्रयासों में लगा है।

मंत्रालय ने कहा कि दार्जलिंग चाय और बासमती चावल, भारत के दो लोकप्रिय जीआई-टैग कृषि उत्पाद हैं, जिनकी पहुंच विश्वभर के बाजारों तक है। हालांकि, देश के विभिन्न स्थानों के जीआई-टैग उत्पादों की भरमार है तथा उनके ग्राहक भी मौजूद हैं, लेकिन ज्यादा से ज्यादा विक्रेताओं तक पहुंच बनाने के लिये जरूरी है कि उन उत्पादों को बेहतर तरीके से बाजार में उतारा जाये।