भारतीय इकोनॉमी को लेकर बदली बाहरी एजेंसियों की सोच, World Bank ने भारत की विकास दर अनुमान को 6.9 फीसद किया
World Bank ने वर्ष 2022 के लिए भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को बेहतर करते हुए 6.9 फीसद कर दिया है जबकि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने इस बारे में अपने अनुमान को सात फीसद पर बरकरार रखा है।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 06 Dec 2022 06:49 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की इकोनॉमी किस तरह से प्रदर्शन करेगी, इसको लेकर वैश्विक एजेंसियों का रुख बदलता नजर आ रहा है। मंगलवार को विश्व बैंक ने वर्ष 2022 के लिए भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को बेहतर करते हुए 6.9 फीसद कर दिया है जबकि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने इस बारे में अपने अनुमान को सात फीसद पर बरकरार रखा है। हाल के महीनों में आईएमएफ, मूडीज, एंड पुअर्स जैसी अंतरराष्ट्रीय रे¨टग एजेंसियों के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने भी भारत के विकास दर के अनुमान को कम किया है। विश्व बैंक भी पूर्व की रिपोर्टों में भारत की विकास दर के पहले के मुकाबले कम रहने की बात कर चुका है लेकिन अब हालात बदले नजर आ रहे हैं।
विश्व बैंक ने हालांकि वर्ष 2023 के लिए भारत के विकास दर अनुमान को सात फीसद से घटा कर 6.6 फीसद कर दिया है। बैंक का कहना है कि इस साल वैश्विक स्तर की मंदी का भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ने की संभावना है। भारत पर बढ़ते कर्ज के मौजूदा स्तर को भी विश्व बैंक ज्यादा खतरनाक नहीं मानता है। दूसरी तरफ फिच की दिसंबर माह के लिए जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वह भारत की विकास दर अनुमान के पहले के आंकड़े सात फीसद को बरकरार रखेगा। हालांकि इसने भी वर्ष 2023-24 में विकास दर के घट कर 6.7 फीसद रहने और इसके बाद के वर्ष 2024-25 में 7.1 फीसद रहने की बात कही है। इसके पहले भी कई एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को घटाते हुए कहा है कि वर्ष 2023-24 भारत की ग्रोथ के लिए ज्यादा चुनौती पूर्ण होगा। इसके बावजूद दुनिया की प्रमुख देशों के मुकाबले भारत की विकास दर ज्यादा रहने की संभावना बन रही है।
बताते चलें कि आरबीआइ की तरफ से बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा रिपोर्ट जारी होने वाली है जिसमें भारत के विकास दर के ताजे अनुमान के बारे में बताया जाएगा। पिछली रिपोर्ट मे आरबीआई ने विकास दर अनुमान को 7.2 फीसद से घटा कर सात फीसद कर दिया था। वित्त वर्ष की शुरुआत में तो आरबीआइ ने 7.8 फीसद की ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था। 30 नवंबर, 2022 को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई से सितंबर की तिमाही में ग्रोथ रेट 6.3 फीसद रही थी। यह अप्रैल-जून की तिमाही के मुकाबले या पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले काफी कम रही है लेकिन विशेषज्ञों के अनुमान से बेहतर रही है। खास तौर पर जिस तरह से सभी सर्विस और कृषि सेक्टर ने काफी मजबूत प्रदर्शन किया है। सर्विस सेक्टर में यह तेजी आने वाले दोनो तिमाहियों में बने रहने की संभावना है। हालांकि कृषि सेक्टर पर असामान्य मानसून का असर पड़ने की संभावना है।