एक रुपये की गिरावट से 25 करोड़ डालर बढ़ता है साफ्टवेटर निर्यात, SBI के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने दी जानकारी
एसबीआइ के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में कैड जीडीपी का 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। लेकिन सेवा निर्यात और रेमिटेंस मजबूत रहने के चलते वास्तव में यह 2.8 प्रतिशत रहा है।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 10 Nov 2022 08:58 PM (IST)
चेन्नई, आइएएनएस। एसबीआइ के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के मूल्य में वृद्धि और रुपये के मूल्य में गिरावट से चालू खाता घाटा (कैड) को बढ़ने से रोकने में साफ्टवेयर निर्यात और रेमिटेंस से मजबूत मदद मिल रही है। एक रिसर्च रिपोर्ट में बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि प्रत्येक एक रुपये की गिरावट से देश का साफ्टवेयर निर्यात 25 करोड़ डालर बढ़ता है।
एसबीआइ के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने जताई उम्मीद
घोष ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में कैड जीडीपी का 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। लेकिन सेवा निर्यात और रेमिटेंस मजबूत रहने के चलते वास्तव में यह 2.8 प्रतिशत रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी सेवा निर्यात और रेमिटेंस काफी मजबूत रहेंगे और कैड 3.5 प्रतिशत से नीचे रह सकता है। यदि ऐसा होता है तो पूरे वित्त वर्ष में देश का कैड तीन प्रतिशत के आसपास रह सकता है और यह 3.5 प्रतिशत के पार नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्वैप लेनदेन में मजबूती रहने के चलते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी पांच अरब डालर की वृद्धि हो सकती है। इसका रुपये पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा, जो अभी अपने निचले स्तर के आसपास बना हुआ है।