Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

किसानों के लिए अच्छी खबर! ये नया काम कर रही है केंद्र सरकार

केंद्र सरकार लगातार दावा करती रही है कि वह किसानों (Farmers) की आय दोगुनी करने के लिए प्रयास कर रही है। हालांकि बीते 1 साल में किसानों और सरकार के बीच में नए कृषि कानूनों को लेकर काफी तनातनी रही थी जिन्हें वापस ले लिया गया है।

By Lakshya KumarEdited By: Updated: Thu, 06 Jan 2022 08:22 AM (IST)
Hero Image
सरकार शहद के एक्सपोर्ट को बढ़ावा दे रही है। जो किसान मधुमक्खी पालन करते हैं, उन्हें इससे लाभ होगा।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क । केंद्र सरकार लगातार दावा करती रही है कि वह किसानों (Farmers) की आय दोगुनी करने के लिए प्रयास कर रही है। सरकार की ओर से तमाम दावे हैं। हालांकि, बीते 1 साल में किसानों और सरकार के बीच में नए कृषि कानूनों को लेकर काफी तनातनी रही थी, जिन्हें वापस ले लिया गया है। किसानों और सरकार के बीच अभी शांति की स्थिति है। ऐसे में अब किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है। दरअसल, सरकार (Modi Government) की ओर से शहद के एक्सपोर्ट (Honey Export) को बढ़ावा दिया जा रहा है। तो जो किसान मधुमक्खी पालन (Honeybee Farming) करते हैं, वह इसकी लाभ ले सकते हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसकी शाखा APEDA, यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे देशों में शहद के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों, किसानों और अन्य हितधारकों के साथ काम कर रही है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत शहद के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों द्वारा लगाए गए शुल्क ढांचे पर भी फिर से बातचीत कर रहा है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) नए देशों में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन और बाजार विस्तार सुनिश्चित करके निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है। वर्तमान में, भारत का प्राकृतिक शहद निर्यात मुख्य रूप से अमेरिका पर निर्भर है, जो निर्यात का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। यानी, भारत से निर्यात होने वाले कुल शहद का 80 फीसदी हिस्सा सिर्फ अमेरिका जाता है।

APEDA के चेयरमैन एम अंगमुथु ने कहा, "हम यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे अन्य देशों और क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार, किसानों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।" प्राधिकरण निर्यातकों के साथ उच्च माल ढुलाई लागत, पीक शहद निर्यात सीजन में कंटेनरों की सीमित उपलब्धता, उच्च परमाणु चुंबकीय अनुनाद परीक्षण लागत और अपर्याप्त निर्यात प्रोत्साहन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए भी काम कर रहा है।

भारत ने 2020-21 के दौरान 716 करोड़ रुपये (USD 96.77 मिलियन) के 59,999 मीट्रिक टन (MT) प्राकृतिक शहद का निर्यात किया, जिसमें अमेरिका ने 44,881 मीट्रिक टन का एक बड़ा हिस्सा लिया। इसके अलावा सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश और कनाडा में सबसे ज्यादा भारतीय शहद निर्यात किया गया।

(इनपुट- पीटीआइ)