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विदेशों से चंदा पाने वाली NGOs के लिए सख्त हुए नियम, अब देनी होगी चल-अचल संपत्ति की जानकारी

गृह मंत्रालय की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसके बाद अब विदेशों के फंड पाने वाले एनजीओ को वित्त वर्ष के अंत में विदेशी पैसे से खरीदी गई अपनी चल और अचल संपत्तियों के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके लिए विदेशों से चंदा पाने वाले एनजीओ के द्वारा भरे जाने वाले फॉर्म FC-4 के दो खंडों में बदलाव किया गया है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 26 Sep 2023 08:22 AM (IST)
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विदेशों से चंदा पाने वाली NGOs के लिए सख्त हुए नियम, अब देनी होगी चल-अचल संपत्ति की जानकारी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (Foreign Contribution Regulations Act (FCRA)) के तहत पंजीकृत एनजीओ को अब विदेशी धन का उपयोग कर बनाई गई चल और अचल संपत्तियों के बारे में जानकारी देनी होगी।

गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन

गृह मंत्रालय की ओर से इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि विदेशों से फंडिंग पाने वाली एनजीओ के लिए नियमों में बदलाव किया गया। इसके साथ हर वित्त वर्ष (31 मार्च) के अंत में एनजीओ के लिए संपत्तियों की जानकारी देने को अनिवार्य कर दिया गया है। कानून के मुताबिक,विदेशों के फंड पाने वाली सभी एनजीओ को एफसीआरए के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है।

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गृह मंत्रालय ने कानूनों में किया क्या बदलाव?

गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान विनियमन नियम, 2010 के आने वाले फॉर्म FC-4 में दो खंडों को जोड़ दिया है। (ba) इसमें हर वित्त वर्ष के अंत में एनजीओ अपनी चल संपत्तियों की जानकारी देनी होगी। (bb) जिसमें हर वित्त वर्ष के अंत में एनजीओ को अपनी अचल संपत्तियों की जानकारी देनी होगी। बता दें,फॉर्म FC-4 उन एनजीओ के द्वारा भरा जाता है जो कि एफसीआरए के तहत पंजीकृत होती है।

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FCRA लाइसेंस वैधता बढ़ाई

गृह मंत्रालय की ओर से ऐसी एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस को 31 मार्च,2024 तक बढ़ा दिया गया है। जिनके लाइसेंस 30 सितंबर को एक्सपायर हो रहे थे और रिन्यूएबल बाकी था।

गृह मंत्रालय द्वारा विदेशी से फंड पाने वाली एजीओ के लिए नियमों को लगातार सख्त किया जा रहा है। सरकारी डेटा के मुताबिक, पिछले तीन वर्षों में विदेशी से भारती एनजीओ को 55,449 करोड़ रुपये मिले हैं।