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FD vs NSC: कहां पैसा लगाने से आपको ज्यादा होगा फायदा, निवेश करने से पहले समझ लें पूरा हिसाब-किताब

FD and NSC Interest Rate Benefits Comparison पांच साल की निहित अवधि वाले एनएससी और बैंकिंग एफडी दोनों आयकर लाभ देते हैं। सरकार ने हाल ही में जुलाई-सितंबर के लिए ब्याज दर को कुछ बदलाव किया है जिसके बाद एनएससी पर 7.7 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है जो वर्तमान में अधिकांश बैंकों द्वारा दी जाने वाली दर से काफी अधिक है। जानिए कहां मिलेगा आपको ज्यादा फायदा।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 20 Jul 2023 02:15 PM (IST)
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Fixed Deposit vs National Saving Certificate: Where will you get more benefit by investing money?
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: जब बात निवेश करने की बात आती है तो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) का ख्याल सबसे पहले आता है। हालांकि एफडी के अलावा भी कुछ और निवेश के विकल्प हैं जो एफडी की ही तरह सुरक्षित माने जाते हैं। इनमें से एक विकल्प का नाम है नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)।

एनएससी और पांच साल की लॉक-इन अवधि वाले बैंक एफडी दोनों आयकर लाभ के साथ आते हैं। सरकार ने हाल ही में जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए ब्याज दर में संशोधन किया था जिसके बाद एनएससी में 7.7 प्रतिशत ब्याज दर मिल रहा है, जो फिलहाल अधिकांश बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर से काफी अधिक है।

एफडी या एनएससी इन दोनों निवेश के विक्लप में से आपको निवेश करने से पहले दोनों के बारें में अच्छे से पता होना चाहिए की आपका कहां ज्यादा फायदा होने वाला है।

क्या है फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)?

आप बैंक और डाकघर की एफडी स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इस एफडी का कार्यकाल 7 दिनों से शुरू होकर 10 साल तक का होता है, लेकिन आयकर विभाग की धारा 80सी के तहत कर-बचत लाभ केवल पांच साल के लॉक-इन पर उपलब्ध है।

क्या है नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)?

राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) भारत सरकार की एक निश्चित आय वाली डाकघर बचत योजना है। इस योजना को एक्टिवेट करने के लिए पोस्ट ऑफिस जाना होगा। चूंकि यह योजना सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसे कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है।

आप 1000 रुपये के न्यूनतम राशि एनएससी खाता खोल सकते हैं और उसके बाद 100 रुपये के गुणक में इसमें निवेश कर सकते हैं। खास बात यह है कि इस योजना में आप जितना चाहें उतना पैसा लगा सकते हैं, इसकी कोई अधिकतम निवेश सीमा नहीं है।

कहां मिलेगा ज्यादा फायदा?

एफडी और एनएससी में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए जिसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

ब्याज भुगतान को देखें

एनएससी में आपको परिपक्वता पर संचयी ब्याज मिलता है। हालांकि, FD में आप मासिक या त्रैमासिक या मैच्योरिटी पर ब्याज ले सकते हैं।

रिन्यू के ऑप्शन पर दें ध्यान

आप पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एनएससी को रिन्यू नहीं कर सकते। लेकिन एफडी के मामले में, आपको ऑटो-रिन्यू की सुविधा मिलती है।

लॉक-इन ब्याज दर

एनएससी खरीदते समय प्रदान की जाने वाली ब्याज दर पांच वर्षों की अवधि के दौरान अपरिवर्तित रहती है। बैंक एफडी के मामले में, चुनने के लिए सात दिन से लेकर दस वर्ष तक विकल्प मिलता है।

कंपाउंडिंग पर दें ध्यान

एनएससी में ब्याज सालाना चक्रवृद्धि होता है, जबकि एफडी में यह तिमाही कंपाउंडिंग होता है।

टैक्स में छूट

एनएससी और एफडी दोनों में एक साल में 150,000 रुपये तक का धारा 80सी लाभ मिलता है। यह लाभ केवल पांच साल की बैंक एफडी के मामले में है।