अप्रैल-सितंबर के दौरान Cayman Islands और Cyprus से घटा FDI, जानिए कितनी हुई गिरावट और क्या है कारण
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर वित्तीय वर्ष 2024 के दौरान केमैन द्वीप और साइप्रस से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में उल्लेखनीय गिरावट आई। समीक्षाधीन तिमाही में कुल एफडीआई प्रवाह 24 प्रतिशत गिर गया। जानिए किस इन दोनों देश से कितना कम हुआ एफडीआई क्या है गिरावट का कारण और विशेषज्ञों का क्या है मानना। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में विदेशी निवेश (FDI) के मामले में चिंता की खबर सामने आ रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक,वित्त वर्ष 24 के अप्रैल-सितंबर के दौरान केमैन आइलैंड (Cayman Islands) और साइप्रस (Cyprus) से भारत में फॉरेंन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (Foreign direct investment) में काफी कमी आई है।
कहां से कितना एफडीआई हुआ कम?
आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर के दौरान केमैन आइलैंड से एफडीआई 75 प्रतिशत घटकर 145 मिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 582 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
वहीं साइप्रस से एफडीआई इनफ्लो 95 प्रतिशत से अधिक घटकर 35 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 764 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
क्या है गिरावट के कारण?
विशेषज्ञों के मुताबिक गिरावट का कारण पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक स्थितियों के कारण अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में उच्च मुद्रास्फीति के कारण बढ़ी हुई ब्याज दरें हो सकती है।
पीटीआई को नांगिया एंडरसन इंडिया कि अंजलि मल्होत्रा ने कहा,
2023-24 की पहली छमाही के दौरान केमैन द्वीप और साइप्रस के साथ-साथ सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अन्य टैक्स हेवेन से एफडीआई प्रवाह ने भी अपनी चमक खो दी है।
डेलॉइट इंडिया के संजय कुमार ने कहा,
साइप्रस से दुनिया भर में कुल एफडीआई आउटफ्लो 62 प्रतिशत की सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से घट रहा है। इस साल अक्टूबर में, इस क्षेत्र को एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) द्वारा ग्रे सूची से हटा दिया गया था और इसके परिणामस्वरूप आने वाले समय में केमैन द्वीप से सकारात्मक एफडीआई प्रवाह हो सकता है।
अब तक 24 प्रतिशत गिरा एफडीआई
समीक्षाधीन तिमाही में एफडीआई इनफ्लो कुल 24 प्रतिशत गिरा है। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, टेलीकॉम, ऑटो और फार्मा में कम इनफ्लो के कारण अप्रैल-सितंबर 2023-24 में भारत में एफडीआई 24 प्रतिशत घटकर 20.48 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।