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FDI in Insurance sector : भारत के इंश्योरेंस सेक्टर पर फिदा विदेशी निवेशक, 9 साल में किया 53,900 करोड़ रुपये का निवेश

भारत का बीमा सेक्टर काफी तेजी से तरक्की कर रहा है। विदेशी निवेशक भी इसमें खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पिछले 9 साल के दौरान इंश्योरेंस सेक्टर में करीब 54 हजार करोड़ रुपये का फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) आया है। इस दौरान बीमा कंपनियों की संख्या में भी उल्लेखनीय इजाफा हुआ। आइए जानते हैं कि विदेशी निवेशक भारत के बीमा सेक्टर में इतना निवेश क्यों कर रहे हैं।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 18 Mar 2024 05:30 PM (IST)
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पिछले एक दशक के दौरान बीमा कंपनियों की संख्या भी 54 से बढ़कर 70 हो गई है।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में इंश्योरेंस सेक्टर का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। विदेशी निवेशक भी इसमें खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी ने बताया कि पिछले 9 साल के दौरान इंश्योरेंस सेक्टर में करीब 54 हजार करोड़ रुपये का फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) आया है।

क्या है विदेशी निवेश बढ़ने की वजह?

विवेक जोशी ने बताया कि सरकार ने अपनी नीतियों में ढील दी है, जिससे विदेशी निवेशक बड़ी संख्या में आकर्षित हो रहे हैं। पहले बीमा सेक्टर में FDI लिमिट सिर्फ 36 फीसदी थी। लेकिन, केंद्र सरकार ने इसे 2015 में बढ़ाकर पहले 49 फीसदी और फिर 2021 में 74 प्रतिशत कर दिया। इंश्योरेंस इंटरमीडियरीज (insurance intermediaries) के लिए FDI लिमिट को साल 2019 में बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया गया।

फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी का कहना है कि इन नीतिगत बदलावों से बीमा सेक्टर में विदेशी निवेशकों के लिए रास्ते पूरी तरह खुल गए और उन्होंने इसका भरपूर लाभ उठाया। इसके चलते दिसंबर 2014 से जनवरी 2024 के बीच बीमा कंपनियों को 53,900 करोड़ रुपये का FDI मिला।

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बीमा कंपनियों की संख्या में भी इजाफा

जोशी की ने बताया कि FDI के साथ ही इंश्योरेंस सेक्टर में बीमा कंपनियों की संख्या भी बढ़ी। पिछले एक दशक के दौरान बीमा कंपनियों की संख्या भी 54 से बढ़कर 70 हो गई है। इस दौरान बीमा सेक्टर की ग्रोथ मापने वाले बाकी पैमानों में भी वृद्धि हुई।

Insurance penetration 2013 में 3.9 प्रतिशत था, जो 2022-23 के दौरान बढ़कर 4 फीसदी हो गया। वहीं, इसी दौरान Insurance density 52 डॉलर से बढ़कर 92 डॉलर हो गई।

आसान शब्दों में समझें, तो insurance penetration का मतलब होता है कि जीडीपी में इंश्योरेंस प्रीमियम की हिस्सेदारी कितनी है। वहीं, insurance penetration पर कैपिटा प्रीमियम को बताती है।

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