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बाजार पर दिखेगा फेड रिजर्व की बैठक में लिए गए फैसले का असर, विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख पर रहेगी नजर

अमेरिकी बैंकों के दिवालिया होने और फेडरल रिजर्व की बैठक में हुए फैसले का असर इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजार पर दिखाई देगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख और रुपये व तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी नजर रहेगी।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 19 Mar 2023 08:00 PM (IST)
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बाजार पर दिखेगा फेड रिजर्व की बैठक में लिए गए फैसले का असर।
नई दिल्ली, पीटीआई। अमेरिकी बैंकों के दिवालिया होने और फेडरल रिजर्व की बैठक में हुए फैसले का असर इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजार पर दिखाई देगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख और रुपये व तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी नजर रहेगी।

फेडरल रिजर्व की बैठक पर रहेगी नजर

बता दें कि वित्तीय, आईटी, ऑटो और बैंकिंग शेयरों में बिकवाली के चलते पिछले सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी में दो प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई थी। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा ने कहा कि किसी भी बड़े स्थानीय घटनाक्रम के अभाव में बाजार की निगाह 21-22 मार्च को होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक पर रहेगी।

विदेशी फंड की निकासी का बाजार पर प्रभाव

इसके अलावा कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव और विदेशी फंड की निकासी भी बाजार पर प्रभाव डालेगी। ऐसा माना जा रहा है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों में या तो 25 आधार अंकों की कटौती करेगा या फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी के क्रम को रोक देगा। इसकी एक वजह यह बताई गई है कि अमेरिकी मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 6.4 प्रतिशत से कम होकर फरवरी में छह प्रतिशत पर आ गई है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी मुद्रास्फीति में आई नरमी ने यह विश्वास दिलाया है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी का विकल्प नहीं चुनेगा। ऐसा भी हो सकता है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी ना करें। नायर ने कहा कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक द्वारा 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी को ध्यान में रखा जाए तो सभी निगाहें यूएस फेड और बैंक आफ इंग्लैंड पर होगी।