FIBAC 2023 में आरबीआई गवर्नर दास हुए शामिल, बोले- दुनिया अब भी कोविड-19 की चुनौतियों का कर रही है सामना
आज मुंबई में FIBAC 2023 का उद्घाटन हुआ है। यह वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन है। इस सम्मेलन में बैंकिंग सेक्टर के कई प्रोफेशनल भी शामिल होंगे। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी इस सम्मेलन में शामिल हुए हैं। उन्होंने FIBAC 2023 में संबोधन देते हुए कहा कि दुनिया अभी भी कोविड-19 की चुनौतियों का सामना कर रही है। पढ़िए पूरी खबर...
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Wed, 22 Nov 2023 12:09 PM (IST)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आज मुंबई में FIBAC 2023 का उद्घाटन हुआ है। आपको बता दें कि FIBAC 2023 वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) संयुक्त रूप से FIBAC कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं।
इस सम्मेलन में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल हुए हैं। इस समारोह में उन्होंने संबोधन करते हुए दुनिया को प्रभावित करने वाले कोविड-19 की चुनौतियों के बारे में कहा।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया अभी भी 2020 की चुनौती यानी कि कोविड-19 की चुनौतियों से जूझ रही है। दुनिया के सामने भू-राजनीतिक संघर्ष, भू-आर्थिक विखंडन, अस्थिर वस्तु कीमतें, मौद्रिक नीतियों जैसे कई चुनौती खड़ी है। इन चुनौतियों का सामना सभी कर रहे हैं।
इस संबोधन में उन्होंने कहा कि विकास के मोर्चे में होम लोन, व्हीकल लोन और छोटे व्यापारियों द्वारा लिये जाने वाले लोन काफी लाभदायक हो रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में स्थिरता के हित में कुछ व्यापक विवेकपूर्ण उपायों की भी घोषणा की है। ये उपाय प्रकृति में प्रीमेप्टिव हैं।फिलहाल बैंकिंग सिस्टम में कोई नई परेशानी आते हुए नहीं दिखाई दे रही है, लेकिन वे चाहते हैं कि लेंडर्स तनाव परीक्षण जारी रखें। कुछ गैर-बैंक वित्तीय कंपनियां-माइक्रोफाइनेंस संस्थान (एनबीएफसी-एमएफआई) उच्च ब्याज मार्जिन की रिपोर्ट कर रहे हैं और उनसे आरबीआई द्वारा दरों को निर्धारित करने में लचीलेपन का उपयोग "विवेकपूर्ण तरीके से" करने के लिए कहा है।VIDEO | "Today, the world is grappling with an unrelenting and unending string of challenges since 2020. Geo-political conflicts, geo-economic fragmentations, volatile commodity prices, uncertainty in trajectory of monetary policies and their micro-financial implications,… pic.twitter.com/qRJM1bB3AC
— Press Trust of India (@PTI_News) November 22, 2023
इस बीच, भले ही हेडलाइन मुद्रास्फीति कम होने के संकेत दे रही है। इसके बावजूद आरबीआई पूरी तरह से मूल्य वृद्धि पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।दास ने कहा कि रुपया नए निचले स्तर पर पहुंचने पर आ गई है। अमेरिकी ट्रेजरी पैदावार में वृद्धि के बावजूद भारतीय रुपये ने "कम अस्थिरता और व्यवस्थित उतार-चढ़ाव" का प्रदर्शन किया है।