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जल्द दोगुनी होगी आम आदमी की आय, जीवन स्तर में भी होगा सुधार; वित्त मंत्री ने दिलाया भरोसा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि अगले दो दशकों तक भारत में युवाओं की संख्या बढ़ेगी जबकि इस दौरान कई विकासशील देशों की जनसंख्या में बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी। इससे भारत में खपत भी बढ़ेगा उत्पादकता भी बढ़ेगी व निवेश भी बढ़ेगा। मध्यम वर्ग की तेजी से बढ़ती संख्या उपभोग को बढ़ाएगा। रिसर्च में भारत की क्षमता काफी तेजी से बढ़ रही है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 04 Oct 2024 06:59 PM (IST)
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सरकार राजकोषीय घाटा को इस वर्ष घटा कर 4.9 फीसद पर लाने को लेकर प्रतिबद्ध है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आने वाले समय में एक आम भारतीय के जीवन स्तर में काफी व्यापक सुधार होने जा रहा है। सरकार की आर्थिक नीतियां, तेज आर्थिक विकास दर, युवा शक्ति की बढ़ती संख्या, तकनीक पर जोर और कुछ हद तक मौजूदा वैश्विक हालात वो कारक हैं, जो आम भारतीयों के जीवन स्तर की गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगे।

तीसरे कौटिल्या इकोनोमिक कान्कलेव को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राजकोषीय घाटा को इस वर्ष घटा कर 4.9 फीसद पर लाने को लेकर प्रतिबद्ध है और इसके साथ ही सरकारी खर्चे की गुणवत्ता में भी लगातार सुधार की कोशिश की जाएगी ताकि देश में वित्तीय अनुशासन बेहतर हो सके।

सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार कुछ ही वर्षों में भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने की योजना पर काम कर रही है। यह कोशिश तब हो रही है जब वैश्विक स्तर पर काफी ज्यादा अस्थिरता है और मौजूदा तनावों की स्थिति ज्यादा बिगड़ने की संभावना है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीयों के जीवनस्तर में बहुत ही तेजी से सुधार होने वाला है और यह भारतीयों के लिए रहने का एतिहासिक काल होगा।

वित्त मंत्री ने आईएमएफ के हाल में एक अनुमान का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय 75 वर्षों में 2730 डॉलर हुई है लेकिन सिर्फ अगले पांच वर्षों में इसमें दो हजार डॉलर की वृद्धि होगी। भारत जब वर्ष 2047 में अपनी आजादी का 100 वीं वर्षगांठ बनाएगा तब भारतीयों को एक विकसित देश के समान माहौल मिलेगा।भारत की विकास यात्रा में यहां की युवाशक्ति का बहुत ही योगदान होगा।

सीतारमण ने कहा कि अगले दो दशकों तक भारत में युवाओं की संख्या बढ़ेगी, जबकि इस दौरान कई विकासशील देशों की जनसंख्या में बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी। इससे भारत में खपत भी बढ़ेगा, उत्पादकता भी बढ़ेगी व निवेश भी बढ़ेगा। मध्यम वर्ग की तेजी से बढ़ती संख्या उपभोग को बढ़ाएगा। अन्वेषण में भारत की क्षमता काफी तेजी से बढ़ रही है। सर्विस सेक्टर में भारत की उपलब्धि इसका नतीजा है।

इसके साथ ही भारत का वित्तीय क्षेत्र बहुत ही मजबूत स्थिति में है जो नई जरूरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने को तैयार है। इसके साथ ही वैश्विक हालात से भी भारत को मदद मिलेगा। रणनीतिक क्षेत्रों के लिए एक मजबूत व उन्नत सप्लाई चेन श्रृंखला के तौर पर भारत स्थापित होने लगा है।

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