अमेरिकी के दौरे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, World Bank, IMF के साथ-साथ G20 समूह के वित्त मंत्रियों से करेंगी बैठक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अक्टूबर से शुरू होने वाली यूएसए की अपनी आधिकारिक यात्रा के हिस्से के रूप में IMF World Bank और G20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठकों भारत-अमेरिका आर्थिक और वित्तीय वार्ता और अन्य वार्षिक बैठकों में भाग लेंगी।
By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Tue, 12 Oct 2021 07:47 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, World Bank और IMF की वार्षिक बैठक के साथ-साथ G20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (FMCBG) की बैठक में भाग लेने के लिए एक सप्ताह के अमेरिकी दौरे पर हैं। अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान, सीतारमण के अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन से मिलने की उम्मीद है।
सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से किए गए एक ट्वीट के मुताबिक, "केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अक्टूबर से शुरू होने वाली यूएसए की अपनी आधिकारिक यात्रा के हिस्से के रूप में IMF, World Bank और G20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठकों, भारत-अमेरिका आर्थिक और वित्तीय वार्ता, और अन्य वार्षिक बैठकों में भाग लेंगी।"
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman will be attending the Annual Meetings of @IMFNews & @WorldBank, G20 FMCBG meetings, India-US Economic and Financial Dialogue, and other associated investment meetings as part of her official visit to the USA beginning from October 11, 2021 pic.twitter.com/Yh0E2JAPN9
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) October 10, 2021
अमेरिका की इस यात्रा के दौरान वित्त मंत्री, बड़े पेंशन फंड और प्राइवेट इक्विटी प्लेयर्स को संबोधित करेंगी और उन्हें भारत के विकास में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करेंगी। दुनिया की कुछ सबसे बड़ी और प्रमुख अर्थव्यवस्था में, भारत के सबसे ज्यादा विकास दर दर्ज करने की उम्मीद की जा रही है।
कोरोना महामारी के फैलने के बाद से यह पहली बार है जब, World Bank और IMF की वार्षिक बैठक भौतिक तौर पर आयोजित की जा रही है। वित्त मंत्री 13 अक्टूबर को निर्धारित, G20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (FMCBG) की बैठक में भाग लेंगी। इस दौरान वैश्विक स्तर पर टैक्स डील की पुष्ठि होने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, इस डील के बाद, भारत को डिजिटल सेवा कर या इक्वलाइजेशन लेवी को वापस लेना पड़ सकता है और भविष्य में इस तरह के उपायों पर रोक लगाना पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय टैक्स सिस्टम के एक बड़े सुधार के तौर पर, भारत सहित 136 देशों ने वैश्विक कर मानदंडों में बदलाव के लिए सहमति व्यक्त की है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि, बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां कहीं भी काम करती हैं और न्यूनतम 15 फीसद की दर से करों का भुगतान करती हैं। वहां पर वह कंपनियां टैक्स का भुगतान करें।हालांकि, शुक्रवार को जारी आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) कार्यान्वयन योजना के अनुसार, इस सौदे के लिए सभी देशों को डिजिटल सेवा कर और इसी तरह के अन्य उपायों को हटाने और भविष्य में इस तरह के उपायों को पेश ना करने की प्रतिबद्धता जाहिर करने की जरूरत है।