वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, वित्तीय घाटे को लेकर सतर्क है सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है। डालर की मजबूती के बावजूद रुपये में स्थिरता बनी हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संबोधन की बड़ी बातें जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Sun, 16 Oct 2022 06:32 PM (IST)
वाशिंगटन, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और डालर की मजबूती के बावजूद रुपये में स्थिरता बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है और मौजूदा स्तर पर इससे निपटा जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीतारमण ने कहा, 'विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति अच्छी है। मुद्रास्फीति भी इस स्तर पर है जहां उससे निपटना संभव है।
महंगाई को लेकर सतर्क है सरकार
सरकार चाहती हैं कि मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे आ जाए और इसके लिए प्रयास जारी हैं।'' वित्त मंत्री ने दहाई अंक की मुद्रास्फीति वाले तुर्किये जैसे कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि दूसरे देश बाहरी कारकों से बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। हालांकि बाकी की दुनिया की तुलना में अपनी स्थिति को लेकर हमें सजग रहना होगा। मैं वित्तीय घाटे को लेकर पूरी तरह से सतर्क हूं।'अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये ने बेहतर प्रदर्शन किया
रुपये में गिरावट से जुड़े एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि डालर की मजबूती की वजह से ऐसा हो रहा है। उन्होंने कहा, 'मजबूत होते डालर के सामने अन्य मुद्राओं का प्रदर्शन भी खराब रहा है लेकिन मेरा खयाल है कि अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं की तुलना में रुपये ने बेहतर प्रदर्शन किया है।'
क्या है व्यापार घाटा
वित्त मंत्री ने बढ़ते व्यापार घाटे पर कहा, 'इसका मतलब है कि हम निर्यात की तुलना में ज्यादा आयात कर रहे हैं। हम यह भी देख रहे हैं कि यह अनुपातहीन वृद्धि क्या किसी एक देश के मामले में हो रही है।' उनका इशारा असल में चीन के लिहाज से व्यापार घाटा बढ़कर 87 अरब डालर होने की ओर था।