Kisan Credit Card धारकों को कर्ज मिलना होगा और आसान, वित्त मंत्री आज करेंगी किसान ऋण पोर्टल की शुरुआत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मंगलवार को वाम किसान पोर्टल लॉन्च करेंगे। इस पोर्टल के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारक सब्सिडी वाले लोन का लाभ उठा सकते हैं। इस कार्यक्रम के तहत एक केसीसी डोर-टू-डोर अभियान और एक मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा जो पूसा कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 19 Sep 2023 12:05 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर मंगलवार को “किसान ऋण पोर्टल” की शुरुआत करेंगे।
क्या होगा इस पोर्टल का फायदा?
इस पोर्टल के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों को सब्सिडी वाला कर्ज पाने में मदद मिलेगी। पूसा कांप्लेक्स में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में डोर-टू-डोर केसीसी अभियान और वेदर इन्फार्मेशन नेटवर्क डाटा सिस्टम (विंडस) पोर्टल को भी लांच किया जाएगा।
मार्च तक कितने थे केसीसी अकाउंट
बता दें कि 30 मार्च तक लगभग 7.35 करोड़ केसीसी अकाउंट थे, जिनकी कुल स्वीकृत ऋण सीमा 8.85 लाख करोड़ रुपये है।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान रियायती ब्याज दर पर 6,573.50 करोड़ रुपये का कृषि-ऋण वितरित किया है। किसान क्रेडिट के लाभ अन्य किसानों को भी मिल सकें, इसके लिए पीएम किसान योजना के तहत चयनित गैर केसीसी धारकों को चिह्नित किया गया है।
क्या है केसीसी?
किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC) 1998 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा तैयार एक मॉडल योजना के आधार पर शुरू की गई थी। किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों के लिए पर्याप्त और समय पर लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से लाई गई थी। इससे किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि कृषि आदानों की खरीद में मदद मिलेगी।केसीसी में फसल के बाद के खर्च, उपभोग की आवश्यकताएं, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण आवश्यकताओं में निवेश भी शामिल है। यह योजना वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
क्या है इस योजना की पात्रता?
- वैसे व्यक्तिगत किसान जो मालिक/खेतीदार हैं
- जो बटाईदार, किरायेदार किसान हैं
- बटाईदारों, किसानों, किरायेदार किसानों आदि के स्वयं सहायता समूह
- किसान फसलों के उत्पादन या पशुपालन जैसी गतिविधियों में शामिल हैं
- मछली किसान, मछुआरे, एसएचजी, जेएलजी और महिला समूह
- वे मछुआरे जिनके पास पंजीकृत नाव या किसी अन्य प्रकार की मछली पकड़ने वाली नाव है और जिनके पास मुहाने या समुद्र में मछली पकड़ने के लिए आवश्यक लाइसेंस या अनुमति है।
- मुर्गी पालन करने वाले किसान और यहां तक कि जो भेड़, खरगोश, बकरी, सूअर आदि पालते हैं।
- डेयरी: किसान, डेयरी किसान, एसएचजी, जेएलजी, और किरायेदार किसान जो शेड के मालिक हैं, पट्टे पर देते हैं या किराए पर लेते हैं।