सही फैसले लेने वाले बैंकरों के बचाव में उतरा वित्त मंत्रालय, जवाबदेही से जुड़े समान नियम जारी किए
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि खाते के एनपीए होने के छह महीने के भीतर बैंक को कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जवाबदेही सुनिश्चित करते समय अधिकारियों के पिछले ट्रैक रिकार्ड को भी महत्व दिया जाएगा।
By NiteshEdited By: Updated: Mon, 01 Nov 2021 07:55 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। बेहतर कारोबारी फैसले लेने वाले बैंककर्मियों के संरक्षण के लिए वित्त मंत्रालय ने 50 करोड़ रुपये तक के एनपीए वाले खातों के लिए समान कर्मचारी जवाबदेही नियम जारी किए हैं। यह दिशानिर्देश अगले वित्त वर्ष से एनपीए में बदलने वाले खातों के लिए एक अप्रैल, 2022 से लागू होंगे।इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आइबीए) ने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने 29 अक्टूबर के अपने आदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों (पीएसबी) द्वारा 50 करोड़ रुपये तक के एनपीए खातों (धाखोधड़ी के मामलों के अलावा) के लिए कर्मचारी जवाबदेही ढांचे पर व्यापक दिशा-निर्देशों को अपनाने की सलाह दी।
कहा गया है कि बैंकों को इन दिशानिर्देशों के आधार पर अपनी कर्मचारी जवाबदेही नीतियों को संशोधित करने और संबंधित बोर्ड की मंजूरी से प्रक्रियाओं को तैयार करने की सलाह दी गई है। ये दिशानिर्देश उन बैंकरों की इस आशंका को दूर करने में मदद करेंगे कि अगर उनका फैसला गलत होता है तो उन्हें दिक्कत होगी। यह बैंकरों को तेजी से कर्ज देने के फैसले में ना केवल मदद करेगा बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। नए दिशानिर्देश सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएंगे।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि खाते के एनपीए होने के छह महीने के भीतर बैंक को कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जवाबदेही सुनिश्चित करते समय अधिकारियों के पिछले ट्रैक रिकार्ड को भी महत्व दिया जाएगा। बता दें कि वर्तमान में बैंक कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग प्रक्रियाएं अपनाते हैं। इससे ना केवल कर्मचारियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बल्कि बैंक के संसाधन पर भी भारी दबाव पड़ता है।
बाजार से एफपीआइ ने निकाले 12,278 करोड़विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने अक्टूबर में भारतीय बाजारों से 12,278 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस दौरान उन्होंने ऋण या बांड बाजार में सिर्फ 1,272 करोड़ रुपये डाले। इससे पहले अगस्त और सितंबर में एफपीआइ ने बाजार में खरीदारी की थी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, 'अत्यधिक मूल्यांकन के चलते एफपीआइ लगातार बिकवाली कर रहे हैं।
हालांकि, बैंकों और वाहन कंपनियों के शेयर खरीद रहे हैं। कोटक सिक्योरिटीज श्रीकांत चौहान ने कहा कि अक्टूबर में उभरते बाजारों में एफपीआइ का रुख मिलाजुला रहा। इस दौरान इंडोनेशिया, फिलिपींस और थाइलैंड के बाजारों में एफपीआइ ने क्रमश: 95.1 करोड़ डालर, 80 लाख डालर और 56.4 करोड़ डालर की खरीदारी की है। वहीं ताइवान और दक्षिण कोरिया से एफपीआइ ने क्रमश: 263.3 करोड़ डालर और 280.1 करोड़ निकाले हैं।