Move to Jagran APP

वित्त मंत्रालय ने 500 करोड़ से अधिक के व्यय के लिए नियमों में ढील दी, इकोनॉमी की बढ़ेगी रफ्तार

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.7 फीसदी पर गई जो पिछली पांच तिमाहियों ने 15 महीनों में सबसे कम थी। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी थी। जीडीपी ग्रोथ का पिछला निचला स्तर जनवरी-मार्च 2023 में 6.2 प्रतिशत था। इसकी एक वजह पूंजीगत व्यय को भी माना गया जिसमें लोकसभा चुनाव के चलते कम आई थी।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 04 Sep 2024 08:11 PM (IST)
Hero Image
अब सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ाने पर जोर दे रही है।
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के व्यय के मामले में नियमों में ढील दी है। इस पहल का मकसद पूंजीगत व्यय में तेजी लाना है। आम चुनावों के कारण कुछ महीनों तक पूंजीगत व्यय कम रहा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में पूंजीगत व्यय अनुमान को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर रिकार्ड 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है।

मंत्रालय ने दो सितंबर, 2024 को एक ऑफिस मेमोरेंडम में कहा कि बजट के प्रस्तावों के क्रियान्वयन में परिचालन लचीलापन प्रदान करने के लिए, चालू वित्त वर्ष में व्यय के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी करने के नियमों में ढील देने का निर्णय लिया गया है। इसमें कहा गया है कि दी गई छूट सभी मंत्रालयों और विभागों के नियमों के कड़ाई से अनुपालन के अधीन है।

मंत्रालय के अनुसार, सभी योजना व्यय और गैर-योजना व्यय मंत्रालयों द्वारा तैयार एकल नोडल एजेंसी (एसएनए)/केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) और मासिक व्यय योजना (एमईपी) तथा तिमाही व्यय योजना (क्यूईपी) सीमा के दिशानिर्देशों के अनुरूप होने चाहिए।

पहली तिमाही में घटी थी जीडीपी ग्रोथ

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.7 फीसदी पर गई, जो पिछली पांच तिमाहियों ने 15 महीनों में सबसे कम थी। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी थी। जीडीपी ग्रोथ का पिछला निचला स्तर जनवरी-मार्च 2023 में 6.2 प्रतिशत था। इसकी एक वजह पूंजीगत व्यय को भी माना गया, जिसमें लोकसभा चुनाव के चलते कम आई थी।

अब सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि रोजगार के मौकों के साथ अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी बढ़ाई जा सके। सरकार खुद इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ा रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिमांड और कंज्मप्शन बढ़ने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें : बूम के लिए तैयार भारतीय अर्थव्यवस्था? अगस्त में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ ने तोड़ा 5 महीने का रिकॉर्ड