Financial Year 2023-24: आज से बदल जाएंगे आयकर से लेकर म्यूचुअल फंड से जुड़े नियम, आप पर होगा सीधा असर
आज यानी एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2023-24 शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही वित्त निवेश से लेकर टैक्स से जुड़े नियमों में कई बदलाव होने जा रहे हैं। एक अप्रैल से नियमों में होने वाले बदलावों पर पढ़िए बिजनेस डेस्क की यह रिपोर्ट...
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 01 Apr 2023 06:00 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आज यानी एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2023-24 शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही वित्त, निवेश से लेकर टैक्स से जुड़े नियमों में कई बदलाव होने जा रहे हैं। इसमें आयकर, म्यूचुअल फंड में निवेश, टीडीएस और फ्यूचर एंड आप्शंस में ट्रेडिंग पर लगने वाले टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव प्रमुख हैं। एक अप्रैल से नियमों में होने वाले बदलावों पर पढ़िए बिजनेस डेस्क की यह रिपोर्ट..
7.27 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं
नई कर प्रणाली में सात लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त बनाया गया है। संशोधित वित्त विधेयक 2023 के अनुसार, नई कर प्रणाली के तहत 7,27,700 रुपये तक की आय वालों को कर से राहत मिलेगी। इसके लिए वित्त विधेयक में नया नियम जोड़ा गया है। नियम के तहत सात लाख से ऊपर की आय अगर उस पर लगने वाले टैक्स से कम है तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, नई व्यवस्था के तहत वेतनभोगी और पेंशनधारक 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी ले सकेंगे।
डेट म्यूचुअल फंड पर नहीं मिलेगा एलटीसीजी का लाभ
वित्त मंत्रालय ने संशोधित वित्त विधेयक 2023 के जरिये डेट म्यूचुअल फंड्स से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत 35 प्रतिशत से कम इक्विटी निवेश पर डेट म्यूचुअल फंड्स की बिक्री से होने वाले लाभ को शार्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) माना जाएगा। अभी डेट म्यूचुअल फंड्स में तीन वर्ष से ज्यादा के निवेश पर लांग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) से जुड़े नियम लागू होते हैं। एसटीसीजी के तहत होने वाले लाभ को करदाता की कुल आय में जोड़कर संबंधित स्लैब के अनुसार कर लगता है। एलटीसीजी में कर की दर 20 प्रतिशत है। इसमें करदाता को इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलता है जिससे कर की वास्तविक दर घट जाती है।एफएंडओ में शेयर लेनदेन पर ज्यादा कर
फ्यूचर एंड आप्शंस (एफएंडओ) में शेयरों की बिक्री पर अब ज्यादा सिक्युरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) देना होगा। फ्यूचर में एक करोड़ रुपये के शेयरों के लेन-देन पर 1,00 के स्थान पर 1,250 रुपये एसटीटी और आप्शंस में एक करोड़ रुपये के शेयर लेन-देन पर 5,000 के बजाए 6,500 रुपये का एसटीटी देना होगा।
फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदलने पर कर नहीं
एक अप्रैल से फिजिकल गोल्ड (सोना) को इलेक्ट्रानिक गोल्ड रिसीप्ट में बदलने को हस्तांतरण नहीं माना जाएगा और इस पर कोई भी पूंजीगत लाभ कर लागू नहीं होगा। इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट को फिजिकल गोल्ड में बदलने पर भी पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा। इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट को डिपाजिटरी गोल्ड रिसीप्ट माना जाएगा और स्टाक एक्सचेंज में ट्रेड किया जा सकेगा। एक घर की बिक्री से मिले 10 करोड़ रुपये से दूसरी आवासीय संपत्ति खरीदने पर पूंजीगत लाभ कर से छूट मिलेगी।महिला सम्मान बचत योजना की शुरुआत
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में घोषित की गई महिला सम्मान बचत योजना की शुरुआत भी आज से होने जा रही है। इस योजना में महिलाओं या युवतियों को दो लाख रुपये के निवेश पर 7.50 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज मिलेगा। योजना में दो वर्ष तक के लिए निवेश हो सकेगा और छह माह बाद इस निवेश की निकासी भी की जा सकेगी।
ज्यादा निवेश कर सकेंगे वरिष्ठ नागरिक
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में अब 15 लाख के स्थान पर एक वर्ष में 30 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकेगा। इसी तरह पोस्ट ऑफिस मासिक योजना में एक वर्ष में 4.5 लाख के स्थान पर नौ लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकेगा। संयुक्त खाते की स्थिति में पोस्ट ऑफिस मासिक योजना में 15 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकेगा।कर-निवेश से जुड़े अन्य बदलाव-
- पांच लाख से अधिक सालाना प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी से होने वाली कमाई पर कर लगेगा। हालांकि, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान यानी यूलिप पर यह नियम लागू नहीं होगा।
- नई कर प्रणाली का चयन करने वाले पेंशनधारकों को 15 हजार रुपये के अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा।
- सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में नया निवेश वन टाइम पासवर्ड के सत्यापन के बाद ही किया जा सकेगा।
- विदेशी कंपनियों को टेक्निकल फीस पर होने वाली कमाई पर अब 10 प्रतिशत की जगह 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा।
- विदेश यात्रा के दौरान क्रेडिट कार्ड से होने वाले भुगतान को लिबर्लाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत माना जाएगा। आरबीआई इस मामले को देखेगा ताकि विदेश यात्रा के दौरान क्रेडिट कार्ड से होने वाले भुगतान पर टैक्स एट सोर्स की व्यवस्था हो सके।
टीडीएस से जुड़े प्रमुख बदलाव
ऑनलाइन गेमिंग में जीती गई राशि पर 30 प्रतिशत की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी। अभी तक 10 हजार रुपये से ज्यादा की राशि पर टीडीएस की कटौती की जाती थी। पैसा निकालते समय या वित्त वर्ष के अंत में इस टीडीएस की कटौती की जाएगी।- ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशंस पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) व्यवस्था लागू होगी।
- सूचीबद्ध डिबेंचर के ब्याज भुगतान पर मिलने वाली टीडीएस छूट खत्म हो जाएगी।
- बिना पैन ईपीएफ से निकासी पर 20 प्रतिशत की दर से टीडीएस की कटौती होगी। अभी तक अधिकतम दर से टीडीएस की कटौती होती है।
- कुछ निश्चित प्रवासी करदाताओं और विदेशी कंपनियों से 20 प्रतिशत या उस देश के साथ समझौते की दर के अनुसार जो भी कम होगा, उस दर के हिसाब से टीडीएस की कटौती होगी।