UIDAI को पांच साल के लिए मिली आयकर भुगतान से छूट, 2027-28 तक नहीं देना होगा कोई टैक्स
UIDAI को 5 सालों के लिए आयकर के भुगतान से छूट दे दी गई है। केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान/सब्सिडी आरटीआई शुल्क निविदा शुल्क स्क्रैप की बिक्री पीवीसी कार्ड सहित यूआईडीएआई द्वारा अर्जित बैंक डिपॉजिट ब्याज आयकर से मुक्त होगा। बता दें कि UIDAI का उद्देश्य आधार अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ अधिनियम के हिसाब से नियम और कानून बनाना है।
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की आय को वित्त वर्ष 2027-28 तक पांच साल के लिए आयकर के भुगतान से छूट दी है। इसके अनुसार, केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान/सब्सिडी; आरटीआई शुल्क, निविदा शुल्क, स्क्रैप की बिक्री, पीवीसी कार्ड सहित शुल्क/सदस्यता; प्रमाणीकरण, नामांकन और अद्यतन सेवा शुल्क; सावधि/सावधि जमा; और यूआईडीएआई द्वारा अर्जित बैंक जमा पर ब्याज आयकर से मुक्त होगा।
पांच साल नहीं लगेगा टैक्स
वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा इस आशय की एक अधिसूचना जारी की गई। इसमें कहा गया है कि यह अधिसूचना आकलन वर्ष 2024-2025, 2025-2026, 2026-2027, 2027-2028 और 2028-2029 के लिए लागू होगी।
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क्या है UIDAI?
UIDAI एक वैधानिक प्राधिकरण है जिसकी स्थापना आधार अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य आधार अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करना तथा अधिनियम के अनुरूप नियम और कानून बनाना है।
यह नोटिफिकेशन इस शर्त के अधीन प्रभावी होगी कि UIDAI किसी भी वाणिज्यिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा; गतिविधियों और निर्दिष्ट आय की प्रकृति पूरे वित्तीय वर्ष में अपरिवर्तित रहेगी।
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