आयकर विभाग की समिति ही बनाएगी नए कर कानूनों का मसौदा, राजस्व सचिव ने कहा- सभी हितधारकों से करेंगे विचार-विमर्श
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि बजट में पेश किए गए आासन आयकर कानून के पहले ड्राफ्ट को टैक्स डिपार्टमेंट के इंटरनल पैनल तैयार करेगी। इससे अधिनियम को संक्षिप्त सुस्पष्ट पढ़ने और समझने में आसान हो जाएगा । भले ही पहला ड्राफ्ट इंटरनल पैनल द्वारा तैयार किया जाए मगर आगे की कार्रवाई के लिए हितधारकों से विचार-विमर्श किया जाएगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को कहा कि बजट में प्रस्तावित नए सरलीकृत आयकर कानून का पहला ड्राफ्ट कर विभाग की एक आंतरिक समिति द्वारा तैयार किया जाएगा और कानून को अंतिम रूप देने से पहले हितधारकों से परामर्श किया जाएगा।
मल्होत्रा ने कहा कि यह कवायद नए डायरेक्ट कोड लाने से जुड़ी नहीं है, बल्कि आयकर कानून की व्यापक समीक्षा से जुड़ी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने बजट भाषण में घोषणा की कि आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा छह महीने में पूरी हो जाएगी।
क्या होगा फायदा?
सीतारमण ने कहा कि इसका उद्देश्य अधिनियम को संक्षिप्त, सुस्पष्ट, पढ़ने और समझने में आसान बनाना है। इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी, जिससे करदाताओं को कर निश्चितता मिलेगी। इससे मुकदमेबाजी में उलझी मांग में भी कमी आएगी।
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नहीं है कोई नई प्रत्यक्ष कर संहिता
इस सवाल पर कि क्या समीक्षा का मतलब यह होगा कि सरकार प्रत्यक्ष कर संहिता लेकर आएगी, मल्होत्रा ने कहा कि यह कोई नई प्रत्यक्ष कर संहिता नहीं है... यह एक व्यापक समीक्षा है। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद सरलीकृत आयकर कानून का पहला मसौदा कर विभाग की एक आंतरिक समिति द्वारा तैयार किया जाएगा।
उद्योग चैंबर फिक्की के साथ एक संवाद सत्र में मल्होत्रा ने कहा कि हम एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहेंगे। पहला मसौदा एक आंतरिक टीम द्वारा तैयार किया जाएगा और फिर हम देखेंगे कि हितधारकों के परामर्श के साथ आगे कैसे बढ़ना है।
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