Fiscal Deficit: जून में 8.1 प्रतिशत रहा पूरे साल के लक्ष्य का राजकोषीय घाटा, CGA ने जारी किया डेटा
सरकारी आंकड़ों से पता चला कि पहली तिमाही के अंत में केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 8.1 प्रतिशत हो गया है। केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान लगाया है। कुल राजस्व व्यय में से 264052 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर थे।
पीटीआई, नई दिल्ली। बुधवार को सामने आए सरकारी आंकड़ों से पता चला कि पहली तिमाही के अंत में केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 8.1 प्रतिशत हो गया है। लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पूर्ण रूप से राजकोषीय घाटा - व्यय और राजस्व के बीच का अंतर जून के अंत तक 1,35,712 करोड़ रुपये था।वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में घाटा बजट अनुमान (बीई) का 25.3 प्रतिशत रहा।
4.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान
केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान लगाया है। 2023-24 में घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था। कुल मिलाकर, सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,85,494 करोड़ रुपये पर सीमित रखना है।यह भी पढ़ें- पब्लिक सेक्टर के बैंकों को मिली छूट, MPS मेंटेन करने के लिए सरकार ने 2 साल के लिए बढ़ाई समयसीमा
क्या कहते हैं आंकड़ें?
2024-25 के पहले तीन महीनों के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों का खुलासा करते हुए, सीजीए ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध कर राजस्व 5,49,633 करोड़ रुपये या बीई का 21.1 प्रतिशत था। जून 2023 के अंत में नेट टैक्स कलेक्शन 18.6 प्रतिशत था।पहली तिमाही में केंद्र सरकार का कुल व्यय 9,69,909 करोड़ रुपये या बीई का 20.4 प्रतिशत रहा। एक साल पहले की अवधि में व्यय बीई के 23 प्रतिशत को पार कर गया था। कुल व्यय में से 7.88 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 1.81 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे।
क्या होता है राजकोषीय घाटा?
राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और राजस्व के बीच का अंतर है। यह सरकार द्वारा आवश्यक कुल उधारी का संकेत है।यह भी पढ़ें- India Manufacturing PMI: जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर घटी, नए ऑर्डर और आउटपुट में नरमी रही वजह