Move to Jagran APP

संकट में चीन की अर्थव्यवस्था, फिच ने स्थिर से नकारात्मक की क्रेडिट रेटिंग

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने चीन की सॉवेरन क्रेडिट रेटिंग घटा दी है। उसने चीन के क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को स्थिर से नकारात्मक कर दिया। फिच ने कहा कि चीन की प्रोपर्टी आधारित इकोनॉमी दबाव में है। इसके साथ ही उसने अपना व्यापक राजकोषीय घाटे और बढ़ते सरकारी ऋण ने राजकोषीय भंडार को नष्ट कर दिया है। यही कारण है कि उसने चीन की रेटिंग कम की है।

By Agency Edited By: Subhash Gariya Updated: Wed, 10 Apr 2024 08:07 PM (IST)
Hero Image
फिच ने घटाई चीन की सॉवेरन क्रेडिट रेटिंग
एएनआई, न्यूयार्क। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने सार्वजनिक ऋण और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में धीमी वृद्धि पर चिंताओं का हवाला देते हुए बुधवार को चीन के क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को स्थिर से नकारात्मक कर दिया।

फिच ने तर्क दिया कि हाल के वर्षों में व्यापक राजकोषीय घाटे और बढ़ते सरकारी ऋण ने राजकोषीय भंडार को नष्ट कर दिया है। उसका यह भी कहना है कि रियल एस्टेट के साथ-साथ दूसरे सेक्टर में जोखिम के अनुमान है, जिसके चलते चीन की सॉवेरन क्रेडिट रेटिंग (Sovereign Credit Rating) को वह फिलहाल निगेटिव कर रहा है।

पिछले काफी समय से चीन का रियल एस्टेट सेक्टर पर काले बादल मंडरा रहे हैं। यही कारण है कि चाइना की इकोनॉमी प्रॉपर्टी आधारित ग्रोथ से दूर होती जा रही है। इन्हीं जोखिम के चलते रेटिंग एजेंसी फिच ने चीन की सॉवेरन क्रेडिट रेटिंग को स्थिर से नकारात्मक कर दिया है। हालांकि ये दिलचस्प है कि चीन शुरुआत से रियल एस्टेट सेक्टर को स्टेबल डेवलपमेंट मॉडल के रूप में पेश करता आया है, जो अब अनिश्चित आर्थिक संभावनाओं से जूझ रहा है।

लगातार बढ़ रहा चीन का खर्च

फिच ने अपनी रिपोर्ट में यह भी हवाला दिया है चीन का खर्च लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते खर्च को देखते हुए चीन ने अपना राजकोषीय बफर्स को भी खत्म कर दिया है। फिच का मानना है कि आने वाले दिनों विकास परियोजनाओं के लिए चीन के कर्ज में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है।

यह भी पढ़ें: Share Market में मालामाल हुए निवेशक, एक ही दिन में कमाए 2.27 लाख करोड़ रुपये

समाचार एजेंसी एएनआई मुताबिक, चीनी सरकार आर्थिक बाधाओं को दूर करने के लिए राजकोषीय खर्च को प्रोत्साहन दे रही है। फिन ने यह भी अनुमान लगाया है कि सामान्य सरकारी घाटा 2024 में सकल घरेलू उत्पाद का 7.1 प्रतिशत हो जाएगा, जो 2023 में 5.8 प्रतिशत था।

यह भी पढ़ें: Global Unicorn Index: देश में पहली बार घटी यूनिकॉर्न की संख्या, चार साल में हुई इतनी; पर दुनिया में भारत अब भी...