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Fitch ने 6.3 प्रतिशत के विकास के अनुमानों को रखा बरकरार, इस साल के अंत तक महंगाई के बढ़ने की जताई उम्मीद

फिच रेटिंग्स ने आज वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के विकास ग्रोथ का अनुमान 6.3% के अपने पूर्वानुमान पर बरकरार रखा है। फिच के अनुसार सख्त मौद्रिक नीति और कमजोर निर्यात के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है। फिच ने कहा कि अल नीनो के खतरे से साल के अंत तक मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 14 Sep 2023 02:23 PM (IST)
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फिच ने FY25 में विकास दर 6.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है।
नई दिल्ली, एजेंसी: अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग (Fitch Ratings) ने आज वित्त वर्ष 24 के भारत के ग्रोथ के अनुमानों को 6.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। फिच ने कहा कि कड़ी मौद्रिक नीति और एक्सपोर्ट में कमजोरी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में लचीलापन दिख रहा है।

साल के अंत में महंगाई बढ़ने के आसार

फिच ने कहा कि अल नीनो के खतरे के कारण साल के अंत में मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। अभी हाल में पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी हुए थे जिसमें अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत पर रही थी। इसके अलावा फिच ने कहा कि अगले वित्त वर्ष यानी FY25 में विकास दर 6.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है।

जुलाई-सितंबर तिमाही में धीमी गति से विकास का अनुमान

आपको बता दें कि दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए फिच ने विकास की गति धीमी होने की संभावना जताई है।

फिच ने इसका कारण कमजोर निर्यात को बताया है। इसके अलावा, क्रेडिट ग्रोथ सपाट और उपभोक्ता आय और रोजगार की संभावनाएं भी कम रहने के आसार हैं।

बढ़ती महंगाई से परिवार करने कम खर्च

मूल्य के मोर्चे पर, फिच ने कहा कि आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में अस्थायी वृद्धि, विशेष रूप से बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति, परिवारों के खर्च को और कम कर सकती है।

फिच ने कहा कि

भारत वैश्विक आर्थिक मंदी से अछूता नहीं रहेगा और घरेलू अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष आरबीआई की 250 बीपीएस बढ़ोतरी के विलंबित प्रभाव से प्रभावित होगी, जबकि खराब मानसून का मौसम आरबीआई के मुद्रास्फीति नियंत्रण को जटिल बना सकता है

2023 के अंत तक 6.5 प्रतिशत पर रेपो रेट के रहने का अनुमान

आपको बता दें कि वार्षिक सकल मुद्रास्फीति जुलाई में 7.4 प्रतिशत और जून में 4.9 प्रतिशत के बाद अगस्त में 6.8 प्रतिशत थी।

फिच ने कहा कि खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के जोखिम के बावजूद, फिच ने इस कैलेंडर वर्ष के अंत के लिए आरबीआई के बेंचमार्क ब्याज दर के पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।