Move to Jagran APP

चालू वित्त वर्ष में बनी रहेगी सात प्रतिशत वृद्धि दर, पर महत्वाकांक्षी सुधारों पर कानून पारित करना होगा चुनौतीपूर्ण

फिच रेटिंग्‍स ने कहा कि इस नतीजे से व्यापक नीतिगत निरंतरता को बढ़ावा मिलना चाहिए क्योंकि सरकार बुनियादी ढांचे के पूंजीगत व्यय कारोबारी माहौल में सुधार और धीरे-धीरे राजकोषीय मजबूती को प्राथमिकता देना जारी रखेगी। रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना बरकरार रहेगी जो इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे लक्षित क्षेत्रों में विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद करेगी।

By Agency Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Thu, 06 Jun 2024 09:11 PM (IST)
Hero Image
एजेंसी का मानना है कि भूमि और श्रम कानूनों में बड़े सुधार नई सरकार के एजेंडे में बने रहेंगे।
पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा की अगुवाई वाले राजग ने सरकार गठन की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस बीच रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंगस ने गुरुवार को कहा कि गठबंधन की राजनीति और कमजोर जनादेश महत्वाकांक्षी सुधारों पर कानून पारित करना चुनौतीपूर्ण बना सकता है। रेटिंग एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर सात प्रतिशत पर बनी रहेगी।

6.2 प्रतिशत के आसपास रहेगी विकास दर

एजेंसी का कहना है कि सरकार के पास कम बहुमत होने के बावजूद वित्त वर्ष 2027-28 तक भारत की मध्यम-अवधि वृद्धि हमारे अनुमान 6.2 प्रतिशत के आसपास रहेगी। बुनियादी ढांचे पर जारी सार्वजनिक पूंजीगत व्यय, डिजिटलीकरण की पहल और महामारी से पहले की तुलना में बैंक एवं कंपनियों के बहीखाते में सुधार से निजी निवेश के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। हमारा मानना है कि भूमि और श्रम कानूनों में बड़े सुधार नई सरकार के एजेंडे में बने रहेंगे। लेकिन ये लंबे समय से विवादास्पद रहे हैं और राजग का कमजोर जनादेश इन कानूनों को पारित करना और जटिल कर देगा। यह भारत की मध्यम अवधि की वृद्धि संभावनाओं के संभावित लाभ को कम कर सकता है।

फिच रेटिंग्‍स ने कहा कि इस नतीजे से व्यापक नीतिगत निरंतरता को बढ़ावा मिलना चाहिए, क्योंकि सरकार बुनियादी ढांचे के पूंजीगत व्यय, कारोबारी माहौल में सुधार और धीरे-धीरे राजकोषीय मजबूती को प्राथमिकता देना जारी रखेगी। हमें नहीं लगता कि चुनाव में हुए नुकसान से नीतिगत समायोजन में कोई बड़ा बदलाव आएगा, लेकिन जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट से आने वाले पांच वर्षों में आर्थिक सुधार की प्राथमिकताओं और राजकोषीय योजनाओं के बारे में अधिक स्पष्टता मिलनी चाहिए।

पीएलआई योजना के बरकरार रहने की उम्मीद

रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना बरकरार रहेगी, जो इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे लक्षित क्षेत्रों में विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद करेगी। हालांकि, निजी निवेश में अभी तक सार्थक रूप से तेजी नहीं आई है, जो दृष्टिकोण के लिए जोखिम का प्रतिनिधित्व करता है। फिच रेटिंग्‍स ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 5.1 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा और अगले वित्त वर्ष में घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य भी पहुंच में आ रहा है।