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India GDP: रेटिंग एजेंसी Fitch ने बढ़ाया भारत की GDP का अनुमान, FY24 में 6.3 फीसदी रह सकती है विकास दर

India GDP Forecast Latest Fitch Report रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की चालू वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी के अनुमानों को बढ़ाया है। फिच के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 24 में पूर्व में अनुमानित 6 प्रतिशत की तुलना में 6.3 प्रतिशत रह सकती है। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने मार्च में ऊंची मुद्रास्फीति और ब्याज दरों की वजह से 6 प्रतिशत का अनुमान लगाया था।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 22 Jun 2023 01:09 PM (IST)
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Fitch Agency Report India GDP Forecast: Fitch raises India's GDP forecast to 6.3% for current fiscal year

नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: अमेरिका की रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने आज भारत की चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान लगया है। फिच के मुताबिक भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 24 में पूर्व में अनुमानित 6 प्रतिशत की तुलना में 6.3 प्रतिशत रह सकती है।

क्यों बढ़ा जीडीपी का अनुमान?

जीडीपी के अनुमानों के बढ़ाने का कारण भारत की पहली तिमाही में मजबूत परिणाम और आने वाले समय में भी इसी तरह बने रहने के वजह से बढ़ी है। आको बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 9.1 प्रतिशत थी।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आधार पर बढ़ी है। बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 6.1 प्रतिशत थी। इसके अलावा पीएमआई सर्वेक्षण और क्रेडिट वृद्धि में भी मजबूत बनी हुई है। इस वजह से जीडीपी के अनुमानों को एफवाई 24 में 0.3 फीसदी बढ़ाकर 6 से 6.3 कर दिया गया है।

इससे पहले मार्च में लगाया था अनुमान

आपको बता दें कि फिच ने मार्च में ऊंची मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के साथ-साथ कमजोर वैश्विक मांग का हवाला देते हुए 2023-24 के लिए अपने पूर्वानुमान को 6.2 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था। इसके अलावा फिच ने 2024-25 और 2025-26 वित्तीय वर्षों के लिए, इसमें 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।

मार्च में फिच ने ऊंची मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के साथ-साथ कमजोर वैश्विक मांग का हवाला देते हुए 2023-24 के लिए अपने पूर्वानुमान को 6.2 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था। 2024-25 और 2025-26 वित्तीय वर्षों के लिए, इसमें 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।

पहली तिमाही में उम्मीद से अधिक जीडीपी वृद्धि

फिच ने अपने रिपोर्ट में कहा कि अर्थव्यवस्था के बढ़ने से मुद्रास्फीति कम हो गई है और घरेलू अर्थव्यवस्था में तेजी आई है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जनवरी-मार्च में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि उम्मीद से अधिक थी, और लगातार दो तिमाही संकुचन, निर्माण से बढ़ावा और कृषि उत्पादन में वृद्धि के बाद विनिर्माण क्षेत्र में सुधार हुआ है। व्यय के संदर्भ में, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि घरेलू मांग और शुद्ध व्यापार में वृद्धि से प्रेरित थी।