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Fitch Rating: भारत के विकास पर रेटिंग एजेंसी का बढ़ा भरोसा, FY25 में 7.2 प्रतिशत हो सकती है GDP Growth

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) भारत की जीडीपी ग्रोथ को 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। रेंटिंग एजेंसी ने अपनी वैश्विक आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट कहा कि उपभोक्ता खर्च में सुधार और बढ़े हुए निवेश की वजह विकास दर में तेजी आ सकती है। आपको बता दें कि फिच का अनुमान आरबीआई (RBI) के अनुमान जैसा है। पढ़ें पूरी खबर...

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Tue, 18 Jun 2024 10:48 AM (IST)
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भारत की जीडीपी ग्रोथ पर FITCH को बढ़ा भरोसा
पीटीआई, नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने एक बार फिर से भारत के जीडीपी ग्रोथ में संशोधन किया है। एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि उपभोक्ता खर्च में सुधार और बढ़े हुए निवेश की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी हो सकती है। पहले एजेंसी ने विकास दर 7 प्रतिशत किया था।

रेंटिंग एजेंसी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 6.5 फीसदी और फाइनेंशियल इयर 2026-27 के लिए 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया। आपको बता दें कि फिच ने अपने आउटलुक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।

वैश्विक आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में फिच ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024/25 में 7.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि (मार्च GEO से 0.2 पीपी ऊपर संशोधन) करेगी।

फिच का अनुमान आरबीआई के अनुमान के अनुरूप है। इस महीने आरबीआई ने एमपीसी बैठक में ग्रामीण मांग में सुधार और मुद्रास्फीति में नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का 7.2 प्रतिशत विस्तार करने का अनुमान लगाया था।

आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में निवेश में वृद्धि जारी रहेगी और उपभोक्ता विश्वास बढ़ने से उपभोक्ता खर्च में सुधार होगा।

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महंगाई की मार

फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आने वाले मानसून के मौसम के अधिक सामान्य होने के संकेतों से विकास को समर्थन मिलना चाहिए और मुद्रास्फीति कम अस्थिर होनी चाहिए, हालांकि हाल की गर्मी ने जोखिम पैदा किया है। हम उम्मीद करते हैं कि बाद के वर्षों में विकास धीमा हो जाएगा और हमारे मध्यम अवधि के रुझान अनुमान के करीब पहुंच जाएगा।

पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत बढ़ी, मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

फिच को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति 2024 के अंत तक घटकर 4.5 प्रतिशत और 2025 और 2026 में औसत 4.3 प्रतिशत हो जाएगी। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि आरबीआई इस साल नीतिगत ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर 6.25 प्रतिशत कर देगा।

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