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RBI ने सरकार को दिया रिकॉर्ड डिविडेंड, क्या जारी रहेगा यह सिलसिला? अमेरिकी रेटिंग एजेंसी से मिला जवाब

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी- फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) का कहना है कि इस साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सरकार को रिकॉर्ड डिविडेंड ट्रांसफर किया है जो भारत की जीडीपी का तकरीबन 0.6 फीसदी हिस्सा बनता है। लेकिन RBI के लिए सरकार को हर बार इतना डिविडेंड दे पाना मुश्किल होगा। आइए जानते हैं कि आरबीआई के सामने किस तरह की चुनौतियां आएंगी और सरकार डिविडेंड का क्या करेगी।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 27 May 2024 03:53 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार तय करेगी कि डिविडेंड का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका की प्रतिष्ठित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी- फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) का कहना है कि इस साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सरकार को रिकॉर्ड डिविडेंड ट्रांसफर किया है, जो भारत की जीडीपी का तकरीबन 0.6 फीसदी हिस्सा बनता है। लेकिन, RBI के लिए सरकार को हर बार इतना डिविडेंड दे पाना मुश्किल होगा।

RBI ने कितना डिविडेंड दिया?

रिजर्व बैंक के बोर्ड ने पिछले हफ्ते सरकार को रिकॉर्ड 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड ट्रांसफर करने का फैसला किया था। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जो मुनाफा कमाया था, उसी से यह डिविडेंड दिया है। यह सरकार के निर्धारित बजट 1.02 लाख करोड़ रुपये से दोगुने से भी अधिक है।

क्या कहना है फिच रेटिंग्स का?

फिच रेटिंग्स के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने अपने मुनाफे का अभी सिलसिलेवार ब्यौरा नहीं दिया है। लेकिन, माना जा रहा है कि उसे फॉरेन एसेट पर काफी ऊंचा ब्याज मिला है, जिससे उसकी कमाई में इजाफा हुआ है। फिच का मानना है कि इससे सरकार को अपने राजकोषीय घाटे को कम करने के लक्ष्य में मदद मिलेगी।

डिविडेंड का क्या करेगी सरकार?

लोकसभा चुनाव के नतीजे जून की शुरुआत में आ जाएंगे। उसके बाद बनने वाली नई सरकार जुलाई में बजट पेश कर सकती है। बजट में ही तय होगा कि डिविडेंड का उपयोग कैसे किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार ने संकेत दिया है कि उसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 तक घाटे को धीरे-धीरे 4.5 प्रतिशत तक लाना है।

आगे भी मिलेगा बंपर डिविडेंड?

आरबीआई आने वाले समय में सरकार को कितना डिविडेंड देता है, यह उसकी कमाई पर निर्भर करता है। फिच का कहना है कि आरबीआई के अपनी कमाई को मौजूदा स्तर पर बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। साथ ही, डिविडेंड साझा करते वक्त उसे यह भी ध्यान रखना होगा कि वह बैलेंस शीट में किस स्तर पर बफर बनाए रखना चाहता है।

(पीटीआई से इनपुट के साथ)

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