Indian Economy: रेटिंग एजेंसी फिच ने घटाया जीडीपी विकास दर का अनुमान, वैश्विक हालात के चलते धीमी है रफ्तार
Indian Economy अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी होने महंगाई बढ़ने और ब्याज दरों के बढ़ने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था धीमी हो सकती है। इसके साथ ही बताया है कि जल्द रेपो रेट अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Thu, 15 Sep 2022 11:20 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले जून 2022 में दिए आंकड़े में यह 7.8 प्रतिशत था। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे भी धीमापन आ सकता है। इसको देखते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।
फिच का कहना है कि इस वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 13.5 प्रतिशत की सालाना आधार पर वृद्धि दर्ज की है, जो कि जून में लगाए गए अनुमान 18.5 प्रतिशत से काफी कम है। तिमाही दर तिमाही आधार पर देखा जाए तो 2022 की दूसरी तिमाही में 3.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है और यह हमारे उच्च आवृत्ति संकेतों के विपरीत है। हमें उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी होने, महंगाई बढ़ने और ब्याज दरों के बढ़ने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था धीमी हो सकती है।