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Income Tax भरने जा रहे हैं तो ध्यान रखें ये 5 बातें, कभी नहीं मिलेगा इनकम टैक्स का नोटिस

Income Tax जमा करते समय हमें कुछ बातों का अवश्य रखना चाहिए। इस लेख में उन सभी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके कारण टैक्सपेयर्स को अक्सर नोटिस मिल जाते हैं। इसमें सही फॉर्म का चयन आय के स्रोतों का विवरण HRA और होम लोन छूट क्लेम पुरानी और नई टैक्स रिजीम का चयन आदि शामिल हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 25 Jun 2023 09:30 PM (IST)
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ITR फाइल करते समय सही फॉर्म का चयन बेहद जरूरी होता है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आईटीआर भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 है। इस तारीख से पहले उन सभी टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स जमा करना होता है, जिन्हें अपने खातों को ऑडिट नहीं कराना होता है। ऐसे में इनकम टैक्स फाइल करने से पहले कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

1.फॉर्म का चयन

इनकम टैक्स भरने के लिए आपको सही फॉर्म का चयन करना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इनकम टैक्स भरने के बाद आपको नोटिस भी मिल सकता है और आईटी डिपार्टमेंट आप पर जुर्माना भी लगा सकता है।

2.सभी आय के स्रोतों विवरण दें

आईटीआर फाइल करते समय टैक्सपेयर्स को अपने सभी आय के स्रोतों विवरण देना चाहिए। सेविंग अकाउंट, डिविडेंड, ब्याज से आय, किराए से आय, टैक्स फ्री आय और साल के दौरान क्या- क्या गिफ्ट मिले हैं। इसके बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए।

3.HRA और होम लोन छूट

एक टैक्सपेयर्स अगर सैलरी से आय अर्जित करता है तो उसकी सैलरी का एक भाग एचआरए के रूप में आता है, जिसे वो टैक्स में छूट प्राप्त करता है। इसके साथ ही ओल्ड टैक्स रिजीम में होम लोन छूट भी दी जाती है। निवेश को टैक्स भरने समय इन सभी को जरूर क्लेम करना चाहिए।

4.AIS को चेक करें

एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में आपके सभी वित्तीय लेनदेन , इन्वेस्टमेंट, कैश डिपॉजिट, डिविडेंड, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि के बारे में पूरी जानकारी मिलती है। एसआईएस को आप आसानी से इनकम टैक्स पोर्टल से ले सकते हैं। यह टैक्सपेयर्स के डाटा से मिलना चाहिए।

5.सही रिजीम का चयन करें

अगर आप पहली बार इनकम टैक्स भर रहे हैं तो आपको नई और पुरानी टैक्स रिजीम में से किसी एक चयन करना है। आप केवल अपने जीवन में एक बार टैक्स रिजीम चुन सकते हैं। इस वजह से आपको इसे चुनते समय सावधानी बरतनी चाहिए। पुरानी टैक्स रिजीम में पांच लाख रुपये तक की टैक्स छूट की सीमा है, जबकि नई टैक्स रिजीम में ये सीमा सात लाख रुपये की है।