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वित्तीय हेराफेरी करने वालों पर सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- पहले देश में ही 'खुश' थे ऐसे लोग

Nirmala Sitharaman लोन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय और RBI मिलकर काम कर रहे हैं।

By Ankit KumarEdited By: Updated: Thu, 13 Feb 2020 08:25 AM (IST)
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वित्तीय हेराफेरी करने वालों पर सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- पहले देश में ही 'खुश' थे ऐसे लोग
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्तीय अनियमितताओं के मामलों में देश छोड़ने वालों को लेकर बुधवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राजग सरकार आने से पहले हेरफेर करने वाले लोग देश में ही 'खुश' थे। उन्होंने एक निजी टीवी चैनल पर कहा कि राजग के सत्ता में आने के बाद ऐसे लोगों को समझ में आ गया कि इस सरकार में उन्हें वह सुविधा नहीं मिल सकेगी, इसीलिए संभवतः उन्होंने देश से बाहर निकल जाने में अपनी भलाई समझी। हालांकि, इससे उन्हें कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि केंद्र सरकार उनके खिलाफ चल रहे मामलों को रोकने वाली नहीं है। हम उन्हें वापस भारत लाएंगे और उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा

पार्टी नहीं सरकार के मातहत काम करती हैं एजेंसियां

सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर काम करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ये एजेंसियां सरकार के मातहत काम करती हैं, किसी पार्टी के नहीं। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में प्रथम दृष्टया किसी तरह के एक्शन की जरूरत होती है, उन्हें केवल इस वजह से नहीं रोका जा सकता है कि उन्हें राजनीति से प्रेरित बताया जाएगा। 

Growth के चारों इंजनों पर दिया जा रहा ध्यान

केंद्र सरकार देश के आर्थिक विकास से जुड़े चारों इंजनों सार्वजनिक निवेश, निजी निवेश, निजी खपत और एक्सपोर्ट को पुश कर रही है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से नवंबर के बीच सरकारी निवेश में 22 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2019 से ही हर महीने जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। टैक्स कलेक्शन में वृद्धि देश में आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने का संकेत है। 

RBI की भूमिका की सराहना

उन्होंने कहा कि लोगों के हाथ में रुपये देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। इसी कड़ी में प्रत्यक्ष लाभ हस्तानांतरण (DBT) के जरिए सरकार ज्यादा-से-ज्यादा पैसे भेज रही है। इसके साथ ही नकदी एवं कर्ज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय और RBI मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल रेपो रेट में कुल 1.35 फीसद की कटौती के लिए आरबीआई की सराहना की। उन्होंने कहा कि आरबीआई विकास दर को गति देने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है।