E-Commerce प्लेटफार्म की चालाकियों पर लगाम लगाने की तैयारी, अब ऐसा किया तो पड़ जाएंगे लेने के देने
कई बार ऑनलाइन खरीदारी के दौरान ग्राहकों से उनकी जानकारी मांगी जाती है ताकि उन्हें ऑफर के बारे में बताया जा सके और ऐसा नहीं करने पर वह साइट उन्हें खरीदारी करने से रोकता है। लेकिन अब ग्राहकों के साथ इस प्रकार के जबरन रवैये पर उस ई-कामर्स प्लेटफार्म के खिलाफ कार्रवाई होगी। आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Rammohan MishraUpdated: Thu, 07 Dec 2023 10:00 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ई-कामर्स प्लेटफार्म पर खरीदारी के दौरान कई बार ऐसा होता है कि कम कीमत देख किसी वस्तु को जब आप खरीदने वाले होते हैं, तो आपसे कहा जाता है कि वह वस्तु अब उपलब्ध नहीं है और उसकी जगह महंगे उत्पाद विकल्प के तौर पर पेश किया जाता है।
ऐसा नहीं कर सकेंगे ई-कामर्स प्लेटफार्म
कई बार तो बिलिंग के दौरान कहा जाता है कि वह उत्पाद आउट आफ स्टाक है और उसकी जगह महंगे उत्पाद खरीदने के लिए विवश किया जाता है। अब ई-कामर्स प्लेटफार्म को ऐसा करना भारी पड़ सकता है।वैसे ही, कई बार ग्राहकों ने यह अनुभव किया है कि उन्हें किसी ऐप या किसी साइट पर जाने के लिए मजबूर किया जाता है। उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति मकान किराए पर लेने के लिए कोई ऐप डाउनलोड करता है। लेकिन उस मकान में लकड़ी का काम कराने के लिए वह ऐप उसे दूसरे ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहता है और ऐसा नहीं करने पर पहले वाला ऐप भी अपना सर्विस नहीं देगा।यह भी पढ़ें- Tata Power का मार्केट कैपिटल 1 लाख करोड़ के पार, कंपनी ने बताया अपना फ्यूचर प्लान
ऑनलाइन खरीदारी को लेकर बड़ा कदम
कई बार ऑनलाइन खरीदारी के दौरान ग्राहकों से उनकी जानकारी मांगी जाती है, ताकि उन्हें ऑफर के बारे में बताया जा सके और ऐसा नहीं करने पर वह साइट उन्हें खरीदारी करने से रोकता है। लेकिन अब ग्राहकों के साथ इस प्रकार के जबरन रवैये पर उस ई-कामर्स प्लेटफार्म के खिलाफ कार्रवाई होगी।हाल ही में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। ग्राहकों को भ्रामक तरीके खरीदारी के लिए मजबूर करना या फिर उन्हें चालाकी से अपनी जानकारी साझा करने जैसा कार्य को डार्क पैटर्न कहा जाता है और इस डार्क पैटर्न को अब गैर कानूनी करार दिया गया है।