बाजारों में तेजी के बीच विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी, करोड़ों की हो चुकी है निकासी
वर्ष की शुरुआत यानी जनवरी में एफपीआई ने इक्विटी बाजारों से 25744 करोड़ रुपये की निकासी की थी। इसके बाद फरवरी और मार्च में विदेशी निवेशकों ने इक्विटी बाजारों में क्रमश 1539 करोड़ और 35098 करोड़ रुपये का निवेश किया। हालांकि अप्रैल में एफपीआई फिर बिकवाल बन गए और इक्विटी बाजारों से 8671 करोड़ रुपये की निकासी की। इसके बाद मई में 25586 करोड़ रुपये की निकासी की।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजारों में रिकार्ड तेजी बनी हुई है। इसके बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) घरेलू बाजारों में लगातार दूसरे तीसरे महीने बिकवाल बने हुए हैं। नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के डाटा के अनुसार, जून के पहले पांच सत्रों में एफपीआई इक्विटी बाजारों से 14,794 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। एफपीआई निवेश के लिहाज से कैलेंडर वर्ष 2024 का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है।
करोंड़ों रुपये की हो चुकी है निकासी
वर्ष की शुरुआत यानी जनवरी में एफपीआई ने इक्विटी बाजारों से 25,744 करोड़ रुपये की निकासी की थी। इसके बाद फरवरी और मार्च में विदेशी निवेशकों ने इक्विटी बाजारों में क्रमश: 1,539 करोड़ और 35,098 करोड़ रुपये का निवेश किया। हालांकि, अप्रैल में एफपीआई फिर बिकवाल बन गए और इक्विटी बाजारों से 8,671 करोड़ रुपये की निकासी की। इसके बाद मई में 25,586 करोड़ रुपये की निकासी की।
पूरे कैलेंडर वर्ष में एफपीआई की इक्विटी से शुद्ध निकासी सात जून तक 38,158 करोड़ रुपये हो गई है। कैलेंडर वर्ष 2023 में एफपीआई ने भारतीय इक्विटी बाजारों में 1.71 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। बाजार के जानकारों का कहना है कि चुनावी अनिश्चितता, ऊंचे मूल्यांकन और चीन में निवेश के चलते एफपीआई बीते कुछ दिनों से भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं।
अब जब चुनाव परिणाम आ गया है और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार राजग सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है तो एफपीआई फिर से भारतीय बाजारों में निवेश शुरू कर सकते हैं। बॉन्ड बाजारों में निवेश जारी इक्विटी के उलट घरेलू बांड बाजारों में एफपीआई का निवेश जारी है। जून में अब तक एफपीआई बांड बाजारों में 4,008 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
पूरे कैलेंडर वर्ष की बात करें तो एफपीआई ने बांड बाजारों से केवल अप्रैल में 10,949 करोड़ रुपये की निकासी की है। अन्य सभी महीनों में एफपीआई बांड बाजारों में शुद्ध रूप से निवेशक रहे हैं। एफपीआई ने इस वर्ष फरवरी में बांड बाजारों में सबसे अधिक 22,419 करोड़ रुपये का निवेश किया था। पूरे कैलेंडर वर्ष में एफपीआइ बांड बाजारों में 57,678 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। 2023 में बांड बाजारों में 68,663 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
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