बीते सप्ताह शुद्ध खरीदार रहे विदेशी निवेशक, FPI ने 19-23 अगस्त के दौरान 4,897 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे
इस महीने भारतीय शेयर बाजारों को समर्थन देने में घरेलू निवेशकों का बड़ा योगदान रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के डाटा के अनुसार घरेलू निवेशकों ने अगस्त में 47080.38 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। विदेशी निवेश के उतार-चढ़ाव के बीच इस मजबूत घरेलू भागीदारी ने शेयर बाजारों को स्थिरता प्रदान की है। इस ताजा निवेश के बावजूद एफपीआई इक्विटी बाजारों में इस महीने अभी तक बिकवाल बने हुए हैं।
जेएनएन, नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) एक बार फिर घरेलू शेयर बाजारों की ओर आकर्षित होने लगे हैं। यही कारण है कि बीते सप्ताह एफपीआई घरेलू इक्विटी बाजारों में शुद्ध रूप से खरीदार रहे हैं। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के डाटा के अनुसार, 19-23 अगस्त के दौरान एफपीआई ने घरेलू बाजारों में 4,897.16 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की है।
इससे पिछले सप्ताह यानी 12-17 अगस्त के दौरान एफपीआई ने 7,769.73 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की थी। इस ताजा निवेश के बावजूद एफपीआई इक्विटी बाजारों में इस महीने अभी तक बिकवाल बने हुए हैं। डाटा के अनुसार अगस्त में अभी तक एफपीआई की इक्विटी बाजारों में शुद्ध बिकवाली घटकर 16,305 करोड़ रुपये पर आ गई है। यह अगस्त के दौरान विदेशी निवेश में उतार-चढ़ाव को दर्शाता है।
दूसरे ओर, इस महीने भारतीय शेयर बाजारों को समर्थन देने में घरेलू निवेशकों का बड़ा योगदान रहा है। एनएसई के डाटा के अनुसार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के डाटा के अनुसार, घरेलू निवेशकों ने अगस्त में 47,080.38 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। विदेशी निवेश के उतार-चढ़ाव के बीच इस मजबूत घरेलू भागीदारी ने शेयर बाजारों को स्थिरता प्रदान की है। बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा का कहना है कि नीति निर्माताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करने वाले माहौल को बढ़ावा देते रहें।
साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि विदेशी निवेशक बाजार का अभिन्न अंग बने रहें। घरेलू और विदेशी निवेशकों के हितों को संतुलित करना भारतीय शेयर बाजार में विकास और स्थिरता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा। डेट बाजारों में 11 हजार से ज्यादा निवेश दूसरी ओर, डेट या बॉन्ड बाजारों में भी एफपीआई का निवेश जारी है। एनएसडीएल के डाटा के अनुसार, अगस्त में अब तक एफपीआई डेट बाजारों में 11,366 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। इसके साथ ही कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक एफपीआई डेट बाजारों में 1.02 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।
डेट बाजारों में मजबूत एफपीआई खरीदारी में जेपी मॉर्गन के एमर्जिंग इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड शामिल होने का भी योगदान है। 2024 में एफपीआई ने डेट बाजारों में से केवल अप्रैल में 10,949 करोड़ रुपये की निकासी की थी। अन्य सभी महीनों में अब एफपीआई शुद्ध रूप से खरीदार ही रहे हैं। बजट में इक्विटी निवेश पर कैपिटल गैन टैक्स बढ़ाने की घोषणा के बाद से एफपीआइ शेयरों की बड़े स्तर पर बिकवाली कर रहे हैं।
इसके अलावा भारतीय शेयर बाजारों के ज्यादा मूल्यांकन, ब्याज दरों में कटौती के समय को लेकर अनिश्चितता और अन्य वैश्विक घटनाक्रमों को देखते हुए भी एफपीआइ सतर्कता बरत रहे हैं। हालांकि, भारत अभी भी पसंदीदा स्थान बना हुआ है और एफपीआई से लंबी अवधि का निवेश आकर्षित कर रहा है। हिमांशु श्रीवास्तव, एसोसिएट डायरेक्टर, मार्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट