FPI Data: विदेशी निवेशकों का फेवरेट बना भारतीय शेयर बाजार, जुलाई में अब तक किया 21,000 करोड़ का निवेश
FPI inflow विदेशी निवेशकों की ओर से खरीदारी का ट्रेंड जारी है। फाइनेंशियल और ऑटो शेयरों में एफपीआई निवेश कर रहे हैं। 1 जुलाई से 7 जुलाई तक एफपीआई द्वारा 21944 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि विदेशी निवेशक जल्द ही कुछ पैसे निकाल सकते हैं। आइए जानते हैं कि विदेशी निवेशक का भारतीय बाजार की तरफ रुझान क्यों बढ़ रहा है?
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sun, 09 Jul 2023 01:19 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले सप्ताह में लगभग 22,000 करोड़ रुपये के शेयर निवेश करते हैं। इसका मतलब ये है कि अभी भी एफपीआई का झुकाव भारतीय शेयर बाजार की तरफ है। भारतीय शेयर बाजार को लेकर विदेशी निवेशकों का सकारात्मक रुख बना हुआ है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार ने कहा,
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) प्रमुख श्रीकांत चौहान के अनुसार एफपीआई सतर्कता बनाए रखने के लिए कुछ पैसों की निकासी कर सकता है। इसकी वजह है अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी। ऐसा माना जा रहा है कि जुलाई में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है।अगर यह सिलसिला जारी रहता है, तो जुलाई में एफपीआई का निवेश मई और जून में दर्ज आंकड़ों से ज्यादा हो जाएगा। एफपीआई ने मई में 43,838 करोड़ रुपये और जून में 47,148 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
डिपॉजिटरीज के आंकड़े
डिपॉजिटरीज की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 1 जुलाई से 7 जुलाई तक एफपीआई द्वारा 21,944 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। एफपीआई मार्च से लगातार भारतीय इक्विटी खरीद रहे हैं । मई में एफपीआई ने 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया था, ये पिछले नौ महीनों में विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार में किया गया सबसे बड़ा निवेश था।
एफपीआई ने अप्रैल में 11,631 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वहीं जनवरी -फरवरी में एफपीआई ने 34,000 करोड़ रुपये निकाले थे।
कोटक सिक्योरिटीज के चौहान ने कहा कि विदेशी निवेशकों द्वारा हो रहे निवेश भारत को दूसरे देशों की तुलना में एक मजबूत बाजार के रूप में उभर रहा है। इसके आगे उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में मानसून में सुधार के साथ-साथ पहली तिमाही में कॉर्पोरेट इनकम उम्मीद से बेहतर रह सकती है। इस वजह से विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी में निवेश बढ़ा रहे हैं।