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PM SVANidhi से 2 महीने में जुड़े चार लाख लाभार्थी, महज 15 दिन में बढ़ी 2 लाख लाभार्थियों की संख्या

पीएम स्वनिधि स्ट्रीट वेंडरों को व्यवसाय लोन प्रदान करने वाला केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना से पिछले दो महीनों में चार लाख नए लाभार्थी जोड़े हैं। अब इस योजना का लाभ उठाने वालों की संख्या 52 लाख से अधिक हो गई है जो 14 अगस्त तक 47.96 लाख थी। इसके अलावा महज 15 दिन में 2 लाख लाभार्थी बढ़े हैं।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 19 Oct 2023 09:35 PM (IST)
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लाभार्थियों की संख्या 52 लाख के आंकड़े को पार कर गई है
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली: रेहड़ी-पटरी वालों को कारोबार के लिए कर्ज देने वाली केंद्र सरकार की अहम योजना पीएम स्वनिधि ने दो महीने में चार लाख नए लाभार्थियों को जोड़ा है। इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 52 लाख के आंकड़े को पार कर गई है, जो 14 अगस्त को 47.96 लाख थी।

महज 15 दिन में जुड़े 2 लाख लाभार्थी

लाभार्थियों की संख्या 50 लाख (चार अक्टूबर को) से 52 लाख भी महज 15 दिनों के भीतर हो गई है। इस समय विधानसभा चुनावों के दौर से गुजर रहे मध्य प्रदेश ने बड़े राज्यों में सबसे पहले सौ प्रतिशत लक्ष्य का हासिल किया है। यहां लगभग सात लाख लाभार्थी पीएम स्वनिधि योजना के हैं।

मध्य प्रदेश पीएम आवास और स्वच्छ भारत मिशन जैसी शहरी विकास की अन्य केंद्रीय योजनाओं में भी अग्रणी रहा है। मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार कोरोना काल में रेहड़ी-पटरी वालों को आजीविका अर्जित करने के लिए सहारा देने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना सफल रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर इसे गति देने का काम शुरू हुआ है।

पीएम इसे शहरी सुधार की एक पहल के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को संस्थागत और व्यवस्थित रूप देना है। इसी के तहत पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों और उनके परिजनों की प्रोफाइ¨लग भी की जाती है।

एक करोड़ तक हो सकती है लाभार्थियों की संख्या

रेहड़ी-पटरी वालों को दस, बीस और पचास हजार रुपये तक का रियायती लोन उपलब्ध कराने वाली इस योजना में उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। इस योजना के लिए पहले शुरुआती लक्ष्य 50 लाख लाभार्थियों का ही रखा गया था, लेकिन अब प्रधानमंत्री के स्तर पर इसे और विस्तार देने का निर्णय लिया गया है। इस साल 31 दिसंबर तक यह संख्या एक करोड़ तक पहुंचाई जा सकती है।

पूर्वोत्तर राज्यों में असम अव्वल

असम (एक लाख से अधिक) पूर्वोत्तर के राज्यों में 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाला पहला राज्य है। केंद्रशासित क्षेत्रों में पुडुचेरी सबसे आगे है। 2020 में शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक नौ हजार करोड़ से अधिक की धनराशि कर्ज के रूप में दी जा चुकी है।

पिछले दिनों केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने एक कार्यक्रम में इस योजना की सफलता रेखांकित करते हुए कहा कि अच्छी बात यह है कि लोन वापसी की स्थिति संतोषजनक है।