Move to Jagran APP

चार सूचीबद्ध रीट ने निवेशकों को दिये 1,371 करोड़ रुपये, यूनिट धारकों को 18,000 करोड़ रुपये का वितरण

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए चार सूचीबद्ध रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट ने अपने यूनिट धारकों को 1371 करोड़ रुपये दिए हैं। पिछले पांच साल से अधिक समय में इन चार रीट ने सामूहिक रूप से अपने यूनिट धारकों को 18000 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए हैं। घरेलू रीट बाजार के पास अब 140000 करोड़ रुपये से अधिक AUM है।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Tue, 20 Aug 2024 04:48 PM (IST)
Hero Image
रीट ने निवेशकों को दिये 1,371 करोड़ रुपये
पीटीआई, नई दिल्ली। चार सूचीबद्ध रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए अपने यूनिट धारकों को 1,371 करोड़ रुपये दिए हैं। देश में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध चार रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट)ज ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट, एंबेसी आफिस पार्क रीट, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क रीट और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट हैं।

इंडियन रीट्स एसोसिएशन (आईआरए) के आंकड़ों के अनुसार, जून तिमाही में इन चार रीट ने मिलकर 2,45,000 से अधिक यूनिट धारकों को 1,371 करोड़ रुपए से ज्यादा वितरित किए हैं। अपनी स्थापना के बाद से, पिछले पांच साल से अधिक समय में इन चार रीट ने सामूहिक रूप से अपने यूनिट धारकों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए हैं।

1,40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा AUM

घरेलू रीट बाजार के पास अब 1,40,000 करोड़ रुपये से अधिक की सकल प्रबंधन अधीन संपत्ति (एयूएम) है। कुल मिलाकर चारों रीट की संपत्तियां देशभर में लगभग 12.2 करोड़ वर्ग फुट ग्रेड ए कार्यालय और खुदरा स्थान तक फैली हुई हैं।

भारतीय रीट एसोसिएशन, सेबी और वित्त मंत्रालय के मार्गदर्शन में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है। इसमें ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट, एंबेसी आफिस पार्क रीट, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क रीट और नेक्सस सेलेक्ट शामिल हैं।

नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट के पास किराया अर्जित करने वाली खुदरा संपत्तियां हैं। अन्य तीन रीट के पास बड़े पैमाने पर प्रमुख कार्यालय स्थान हैं। सरकार ने हाल ही में केंद्रीय बजट में रीट और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) सहित कारोबारी ट्रस्ट के लिए दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ निर्धारित करने के लिए यूनिट रखने की अवधि को 36 महीने से घटाकर 12 महीने कर दिया है। इसका उद्देश्य इन उत्पादों के लिए निवेशक आधार बढ़ाना है।

यह भी पढ़ें- सरकारी राशन दुकानों का होगा कायाकल्प, अब ‘जन पोषण केंद्र’ के रूप में मिलेगी नई पहचान