Move to Jagran APP

Foxconn अपने दम पर करेगी सेमीकंडक्टर का उत्पादन, कंपनी ने शुरू की मैनुफैक्चरिंग प्लांट लगाने की प्रक्रिया

Foxconn ने कहा कि वे परियोजना के लिए इष्टतम भागीदारों के परिदृश्य की समीक्षा कर रहे हैं और कंपनी ने सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। आपको बता दें कि सोमवार को फॉक्सकॉन ने कहा कि उसने खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड के साथ 19.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के संयुक्त उद्यम को वापस ले लिया है।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Tue, 11 Jul 2023 01:39 PM (IST)
Hero Image
Foxconn plans to apply separately for chip manufacturing unit in India
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग करने वाली दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए अलग से आवेदन करने पर काम कर रही है। आपको बता दें कि Foxconn भारत में सेमीकंडक्टर बनाती है और ये कंपनी Vedanta के साथ मिलकर काम किया करती थी। हाल ही में दोनों ने एक-दूसरे से अलग होने का फैसला किया है।

फॉक्सकॉन जल्द शुरू करेगी उत्पादन

फॉक्सकॉन ने कहा कि वे परियोजना के लिए इष्टतम भागीदारों के परिदृश्य की समीक्षा कर रहे हैं और कंपनी ने सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। फॉक्सकॉन ने एक बयान में कहा, "फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले फैब इकोसिस्टम के लिए संशोधित कार्यक्रम से संबंधित एक आवेदन जमा करने की दिशा में काम कर रहा है। हम सक्रिय रूप से इष्टतम भागीदारों के लिए परिदृश्य की समीक्षा कर रहे हैं।"

हाल ही में अलग हुए हैं फॉक्सकॉन और वेदांता

सोमवार को फॉक्सकॉन ने कहा कि उसने खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड के साथ 19.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के संयुक्त उद्यम को वापस ले लिया है, क्योंकि उद्यम को मोबाइल फोन से लेकर रेफ्रिजरेटर और कारों में उपयोग किए जाने वाले चिप्स बनाने के लिए एक प्रौद्योगिकी भागीदार प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था।

आईटी मिनिस्टर चंद्रशेखर ने पहली ही कर दी थी घोषणा

आपको बता दें कि वेदांता फॉक्सकॉन जेवी ने लगभग 1.5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ गुजरात में भारत की पहली इलेक्ट्रॉनिक चिप मैनुफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा की थी। इसको लेकर चंद्रशेखर कहा कि ये सरकार का काम नहीं है कि वह क्यों या कैसे दो निजी कंपनियां साझेदारी करना चुनती हैं या नहीं चुनती हैं, लेकिन सरल शब्दों में इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां अब स्वतंत्र रूप से भारत में अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ा सकती हैं और सेमीकॉन एन इलेक्ट्रॉनिक्स में उचित प्रौद्योगिकी साझेदार के साथ आगे बढ़ेंगी।"