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Foxconn और Vedanta के अलग होने से प्रोडक्शन पर नहीं होगा असर, चंद्रशेखर बोले- दोनों स्वतंत्र रूप से करेंगे काम

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए कहा है कि वेदांता के साथ अपने संयुक्त उद्यम से हटने के फॉक्सकॉन के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होने कहा कि ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता फॉक्सकॉन के वेदांता संयुक्त उद्यम से बाहर निकलने के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट लक्ष्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Mon, 10 Jul 2023 07:59 PM (IST)
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Foxconn withdrawal from Vedanta JV has no impact on semiconductor goals of India
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। फॉक्सकॉन ने भारतीय समूह वेदांता के साथ सेमीकंडक्टर संयुक्त उद्यम से बाहर निकलने का फैसला किया है। इसको लेकर देश के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आधिकारिक बयान जारी किया है। उन्होने कहा कि ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता फॉक्सकॉन के वेदांता संयुक्त उद्यम से बाहर निकलने के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने के लक्ष्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप देश में करेंगी काम

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए कहा, "वेदांता के साथ अपने संयुक्त उद्यम से हटने के फॉक्सकॉन के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।"

अपने ट्वीट में उन्होंने कहा:

वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम से हटने के फॉक्सकॉन के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों का भारत में महत्वपूर्ण निवेश है और वे मूल्यवान निवेशक हैं जो रोजगार और विकास पैदा कर रहे हैं।

दोनों कंपनियों के पास कोई पूर्व सेमीकॉन अनुभव या प्रौद्योगिकी नहीं थी और उनसे टेक पार्टनर से फैब तकनीक हासिल करने की अपेक्षा की गई थी। वे उस प्रस्ताव के लिए उपयुक्त टेक पार्टनर नहीं ढूंढ सके।

आपको बता दें कि वेदांता फॉक्सकॉन जेवी ने लगभग 1.5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ गुजरात में भारत की पहली इलेक्ट्रॉनिक चिप मैनुफैक्टरिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा की थी।

इसको लेकर चंद्रशेखर कहा कि ये सरकार का काम नहीं है कि वह क्यों या कैसे दो निजी कंपनियां साझेदारी करना चुनती हैं या नहीं चुनती हैं, लेकिन सरल शब्दों में इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां अब स्वतंत्र रूप से भारत में अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ा सकती हैं और सेमीकॉन एन इलेक्ट्रॉनिक्स में उचित प्रौद्योगिकी साझेदार के साथ आगे बढ़ेंगी।" 

आईटी मिनिस्टर ने क्या कहा?

  • Vedanta ने VFSL के माध्यम से हाल ही में एक ग्लोबल सेमीकॉन प्रमुख से टेक लाइसेंसिंग समझौते के तहत एक प्रस्तुत किया है, जिसका वर्तमान में मूल्यांकन किया जा रहा है।
  • यह सरकार का काम नहीं है कि वह इस बात का फैसला करे कि क्यों या कैसे दो निजी कंपनियां साझेदार बनना चुनती है या नहीं चुनती है।
  • इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से भारत में अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ा सकती हैं।पीएम मोदी की तमाम कोशिशों के बाद पिछले 18 महीनों में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने की दिशा में तेजी आई है।
  • जो लोग फॉक्सकॉन/वेदांता के इस फैसले को भारत की सेमीकॉन परियोजनाओं के लिए "झटका" बता रहे हैं, उनके लिए मैं केवल यही कह सकता हूं कि पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत चौतरफा प्रगति कर रहा है।

फॉक्सकन और वेदांता दे रही हैं नौकरियां

केंद्रीय राज्य मंत्री ने आगे कहा कि फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों का भारत में महत्वपूर्ण निवेश है और वे मूल्यवान निवेशक हैं, जो नौकरियां और विकास पैदा कर रहे हैं। मंत्री ने कहा, "यह सर्वविदित था कि दोनों कंपनियों के पास कोई पूर्व सेमीकॉन अनुभव या प्रौद्योगिकी नहीं थी और उन्हें टेक पार्टनर से फैब टेक प्राप्त करने की उम्मीद थी। जबकि उनके जेवी वीएफएसएल ने मूल रूप से 28 एनएम फैब के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, वे उस प्रस्ताव के लिए उपयुक्त टेक पार्टनर नहीं प्राप्त कर सके।"

उन्होंने कहा कि जेवी वीएफएसएल के माध्यम से वेदांता ने हाल ही में एक ग्लोबल सेमीकॉन प्रमुख से प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग समझौते द्वारा समर्थित 40 एनएम फैब प्रस्ताव प्रस्तुत किया है - जिसका वर्तमान में सरकार के सेमीकॉन इंडिया टेक सलाहकार समूह द्वारा मूल्यांकन किया जा रहा है।