Foxconn और Vedanta के अलग होने से प्रोडक्शन पर नहीं होगा असर, चंद्रशेखर बोले- दोनों स्वतंत्र रूप से करेंगे काम
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए कहा है कि वेदांता के साथ अपने संयुक्त उद्यम से हटने के फॉक्सकॉन के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होने कहा कि ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता फॉक्सकॉन के वेदांता संयुक्त उद्यम से बाहर निकलने के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट लक्ष्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप देश में करेंगी काम
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए कहा, "वेदांता के साथ अपने संयुक्त उद्यम से हटने के फॉक्सकॉन के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।"वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम से हटने के फॉक्सकॉन के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों का भारत में महत्वपूर्ण निवेश है और वे मूल्यवान निवेशक हैं जो रोजगार और विकास पैदा कर रहे हैं।
आपको बता दें कि वेदांता फॉक्सकॉन जेवी ने लगभग 1.5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ गुजरात में भारत की पहली इलेक्ट्रॉनिक चिप मैनुफैक्टरिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा की थी।दोनों कंपनियों के पास कोई पूर्व सेमीकॉन अनुभव या प्रौद्योगिकी नहीं थी और उनसे टेक पार्टनर से फैब तकनीक हासिल करने की अपेक्षा की गई थी। वे उस प्रस्ताव के लिए उपयुक्त टेक पार्टनर नहीं ढूंढ सके।
➡️This decision of Foxconn to withdraw from its JV wth Vedanta has no impact on India's #Semiconductor Fab goals. None.
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) July 10, 2023
➡️Both Foxconn n Vedanta have significant investments in India and are valued investors who are creating jobs n growth.
➡️It was well known that both… https://t.co/0DQrwXeCIr
आईटी मिनिस्टर ने क्या कहा?
- Vedanta ने VFSL के माध्यम से हाल ही में एक ग्लोबल सेमीकॉन प्रमुख से टेक लाइसेंसिंग समझौते के तहत एक प्रस्तुत किया है, जिसका वर्तमान में मूल्यांकन किया जा रहा है।
- यह सरकार का काम नहीं है कि वह इस बात का फैसला करे कि क्यों या कैसे दो निजी कंपनियां साझेदार बनना चुनती है या नहीं चुनती है।
- इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से भारत में अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ा सकती हैं।पीएम मोदी की तमाम कोशिशों के बाद पिछले 18 महीनों में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने की दिशा में तेजी आई है।
- जो लोग फॉक्सकॉन/वेदांता के इस फैसले को भारत की सेमीकॉन परियोजनाओं के लिए "झटका" बता रहे हैं, उनके लिए मैं केवल यही कह सकता हूं कि पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत चौतरफा प्रगति कर रहा है।