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FPI Data: विदेशी निवेशकों ने अपनाई निकासी की रणनीति, नवंबर में बेचे 22,420 करोड़ रुपये की इक्विटी

FPI Data अमेरिकी चुनाव के नतीजे आने के बाद विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से निकासी करनी शुरू कर दी। यह निकासी पिछले डेढ़ महीने से चालू है। अब निवेशकों ने चीन बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया है। एफआईआई द्वारा जारी निकासी के कारण भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली भरा कोरोबार शुरू हो गया। यहां जानते हैं कि नवंबर में अभी तक कितना एफपीआई आउटफ्लो हुआ है।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Sun, 17 Nov 2024 01:49 PM (IST)
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FPI Data: विदेशी निवेशकों ने अभी तक बेच दी 22,420 करोड़ रुपये की इक्विटी
पीटीआई, नई दिल्ली। FPI Data: अमेरिकी चुनाव के नतीजों के एलान के बाद विदेशी निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजार से निकासी कर रहे थे। इस निकासी के कारण शेयर बाजार (Share Market) में भारी बिकवाली देखने को मिली। अब नवंबर महीने में एफपीआई आउटफ्लो का डेटा जारी हो गया है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार नवंबर में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 22,420 करोड़ रुपये तक की इक्विटी बेची। विदेशी निवेशक शेयर बाजार से निकासी करके चीन में निवेश कर रहे हैं। यूएस डॉलर (US Dollar) के मजबूत होने के कारण भी विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं।

नवंबर में हुए आउटफ्लो के बाद एफपीआई (FPI Data November 2024) ने 2024 में कुल 15,827 करोड़ रुपये की निकासी की है।

भारत में फोरविस मजार्स के वित्तीय सलाहकार भागीदार अखिल पुरी के अनुसार शेयर बाजार में एफपीआई इनफ्लो थोड़े समय के बाद चालू हो सकती है। जनवरी से पहले एफपीआई इनफ्लो जारी होने की उम्मीद है। अभी एफपीआई आउटफ्लो ने बाजार की चाल को सीमित कर दिया है।

अभी तक कितनी हुई निकासी

एफपीआई डेटा के अनुसार नवंबर में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 22,420 करोड़ रुपये की निकासी की है। पिछले महीने में अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की निकासी की थी। यह इस साल का अभी तक सबसे ज्यादा आउटफ्लो है। अक्टूबर 2024 से पहले विदेशी निवेशकों ने मार्च 2020 में सबसे ज्यादा निकासी की थी। मार्च 2020 में एफपीआई ने 61,973 करोड़ रुपये विड्रॉल किया है। सितंबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने 57,724 करोड़ रुपये का इनफ्लो किया था, जो 9-महीने का उच्चतम स्तर है।

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एफपीआई ने क्यों अपनाई आउटफ्लो रणनीति

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार के अनुसार एफपीआई ने अक्टूबर से निकासी की रणनीति तीन कारण की वजह से अपनाई है। यह तीन वजह- भारत में उच्च वैल्यूएशन, निराशाजनक तिमाही नतीजे और ट्रंप ट्रेड है।

एफपीआई ने इस समीक्षाधीन अवधि के दौरान डेट मार्केट में 42 करोड़ रुपये और वीआरआर में 362 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस साल अब तक एफपीआई ने डेट मार्केट में 1.06 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।

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