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FPI Data: नवंबर में क्यों जारी है एफपीआई की बिकवाली, अब तक बेचे 5800 करोड़ से अधिक के शेयर

ताजा आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो नि वेशकों (एफपीआई) ने आखिरी कारोबारी दिन यानी 10 नवंबर तक 5800 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच FPI ने 5805 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। बढ़ती ब्याज दरों और मध्य पूर्व में भूराजनीतिक तनाव के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली जारी है।

By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Sun, 12 Nov 2023 11:52 AM (IST)
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सितंबर से एफपीआई ने लगातार जारी रखा है बिकवाली का दौर।

पीटीआई, नई दिल्ली। शेयर बाजार से विदेशी निवेशक अभी भी पैसा निकाल रहे हैं। ताजा आंकड़ो के मुताबिक आखिरी कारोबारी दिन यानी 10 नवंबर तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।

क्यों जारी है निकासी?

1-10 नवंबर के दौरान एफपीआई ने 5,805 करोड़ रुपये के शेयर बेचे है। एफपीआई द्वारा जारी निकासी बढ़ती ब्याज दरों और मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनाव के कारण है।

पिछले महीने इतने करोड़ की कि थी निकासी

पिछले महीने अक्टूबर मे एफपीआई ने 24,548 करोड़ रुपये की निकासी की थी और उससे पहले यानी सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे।

हालांकि इससे पहले यानी मार्च से अगस्त तक एफपीआई ने बाजार में इन आखिरी के छह महीने में 1.74 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था।

और बिकवाली की संभावना नहीं

विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले समय में और बिकवाली जारी नहीं रहेगी क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले सप्ताह अपनी बैठक में नरम रुख का संकेत दिया था। सितंबर में एफपीआई द्वारा शुरू हुआ बिकवाली का दौर अक्टूबर और फिर नवंबर तक जारी है।

डेट मार्केट में बढ़ा निवेश

आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में डेट मार्केट में 6,381 करोड़ रुपये आय तो वहीं नवंबर में अब तक डेट मार्केट ने 6,053 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। इसके साथ ही इस साल अब तक इक्विटी में एफपीआई का कुल निवेश 90,161 करोड़ रुपये और डेट बाजार में 41,554 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

पीटीआई को मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर, मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि

विदेशी निवेशकों द्वारा शॉर्ट टर्म में भारतीय डेट के लिए धन आवंटित करने के लिए एक सामरिक कदम का प्रतिनिधित्व कर सकता है, जब स्थितियां अधिक अनुकूल हो जाती हैं, तो इक्विटी बाजारों में पूंजी को पुनर्निर्देशित करने का इरादा होता है।