FPI का भारतीय बाजार पर बढ़ रहा भरोसा, मार्च में अब तक 38 हजार करोड़ रुपये का किया निवेश
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मार्च में अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 38000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश किया है। ग्लोबल लेवल पर आर्थिक हालात में सुधार और घरेलू बाजार में अच्छी संभावनाओं से विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने शेयरों में 1539 करोड़ रुपये डाले थे। वहीं जनवरी में उन्होंने 25743 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
पीटीआई, नई दिल्ली : घरेलू मजबूत आर्थिक परिदृश्य के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय इक्विटी बाजारों में एक बार फिर खरीदारी करने लगे हैं। यही कारण है कि मार्च में अब तक FPI इक्विटी बाजारों में करीब 38 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
इससे पहले फरवरी में FPI का शुद्ध निवेश सिर्फ 1,539 करोड़ रुपये था, जबकि जनवरी में FPI ने 25,743 करोड़ रुपये की निकासी की थी। कैलेंडर वर्ष 2024 की बात करें तो FPI इक्विटी में अब तक 13,893 करोड़ रुपये और डेट बाजारों में 55,480 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
मार्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि वैश्विक आर्थिक हालातों में सुधार और सकारात्मक भारतीय आर्थिक परिदृश्य के चलते FPI ने मार्च में महत्वपूर्ण खरीदारी की है। इसके अलावा बाजारों की हालिया गिरावट ने भी खरीदारी के अवसर उपलब्ध कराए हैं।
शेयरों के अलावा एफपीआई ने इस महीने में 22 मार्च तक ऋण या बॉन्ड बाजार में 13,223 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है। बॉन्ड मार्केट की बात करें, तो ब्लूमबर्ग ने अगले साल 31 जनवरी से भारतीय बॉन्ड को इमर्जिंग मार्केट (ईएम) लोकल करेंसी गवर्नमेंट इंडेक्स में शामिल करने की घोषणा की है।
वहीं, बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अगले सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की चाल वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर निर्भर करेगी। सोमवार को होली और शुक्रवार को गुड फ्राइडे के अवकाश के चलते इस सप्ताह बाजारों में तीन दिन ही कारोबार होगा।
1.97 लाख करोड़ घटा पांच कंपनियों का पूंजीकरण
बीते सप्ताह घरेलू बाजारों में रहे उतार-चढ़ाव से बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष-10 में से पांच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 1.97 लाख करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई है। बीते सप्ताह टीसीएस के पूंजीकरण में सबसे ज्यादा 1.10 लाख करोड़ रुपये की कमी आई। वहीं, इन्फोसिस का पूंजीकरण 52,291 करोड़ रुपये घटा।
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