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विदेशी निवेशकों ने तीन सत्रों में 27 हजार करोड़ के शेयर बेचे, इजरायल-ईरान संघर्ष और चीनी बाजारों के बेहतर प्रदर्शन का दिख रहा असर

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अक्टूबर के सिर्फ तीन कारोबारी सत्रों में ही भारतीय बाजारों से 27142 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री कर चुके है। बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष-10 में से नौ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 4.74 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। इस सप्ताह केवल दो कंपनियों के आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेंगे। इस आर्टिकल में विस्तार से जानें

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:12 PM (IST)
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एफपीआई ने 27 हजार करोड़ के शेयर बेचे
पीटीआई, नई दिल्ली। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और चीन के बाजारों के बेहतर प्रदर्शन का भारतीय शेयर बाजारों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इन कारणों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अक्टूबर के सिर्फ तीन कारोबारी सत्रों में ही भारतीय बाजारों से 27,142 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री कर चुके है।

इससे पहले सितंबर में एफपीआई ने 57,724 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे, जो 2024 में किसी एक महीने में सबसे ज्यादा एफपीआई निवेश था। नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के डाटा के अनुसार, अप्रैल-मई के दौरान 34,252 करोड़ रुपये की निकासी के बाद जून से एफपीआई इक्विटी बाजारों में लगातार खरीदारी कर रहे थे।

इसके कारण 2024 में अब तक एफपीआई शुद्ध खरीदार बने हुए थे। सितंबर के अंत में एफपीआई का पूरे वर्ष में शुद्ध निवेश एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया था। लेकिन हालिया निकासी के बाद इक्विटी बाजारों में एफपीआई निवेश घटकर 73 हजार करोड़ रुपये के करीब रह गया है।

इक्विटी के अलावा, अक्टूबर के तीन कारोबार सत्रों में एफपीआई ने डेट या बांड बाजारों से 900 करोड़ रुपये की निकासी की है। हालांकि, डेट बाजारों में एफपीआई का कुल निवेश 2024 में अब तक एक लाख करोड़ रुपये के पार बना हुआ है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि एफपीआई की यह बिकवाली मुख्य रूप से चीनी बाजारों के बेहतर प्रदर्शन से प्रेरित है। पिछले एक महीने में हांगकांग का मुख्य सूचकांक हेंग सेंग 26 प्रतिशत बढ़ चुका है। चीनी शेयरों का मूल्यांकन काफी कम होने के कारण यह तेजी जारी रहने की संभावना है। इसके अलावा, आर्थिक प्रोत्साहन उपायों से भी चीन के बाजारों में तेजी बने रहने की उम्मीद है।

नौ कंपनियों का पूंजीकरण 4.74 लाख करोड़ रुपये घटा

बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में रही तेज गिरावट का कंपनियों के बाजार पूंजीकरण पर भी नकारात्मक असर पड़ा है। इस दौरान बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष-10 में से नौ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 4.74 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूंजीकरण में सबसे ज्यादा 1.88 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।

इस सप्ताह सब्सक्रिप्शन के लिए दो आइपीओ खुलेंगे

हाल के कुछ सप्ताहों में तेजी के बाद आइपीओ गतिविधियों में थोड़ी नरमी आई है। इस सप्ताह केवल दो कंपनियों के आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेंगे। इसमें मेनबोर्ड का गरुड़ा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग और एसएमई प्लेटफार्म का शिव टेक्सकेम का आइपीओ शामिल हैं। इस सप्ताह छह एसएमई कंपनियों के शेयर भी सूचीबद्ध होंगे।