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विदेशी निवेशकों को पसंद आ रहा भारतीय शेयर बाजार, जुलाई में 54 हजार करोड़ से ज्यादा एफपीआई निवेश

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के डाटा के अनुसार एफपीआई ने जुलाई के दौरान इक्विटी बाजारों में 32364 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश है। यह इस वर्ष दूसरा महीना है जब एफपीआई ने इक्विटी बाजारों में 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। इसी तरह डेट बाजारों में भी 22363 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

By Jagran News Edited By: Yogesh Singh Updated: Sat, 03 Aug 2024 11:00 PM (IST)
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डाटा के अनुसार, इक्विटी, डेट और हाइब्रिड समेत तमाम इंस्ट्रूमेंट्स में अब तक कुल एफपीआई निवेश 1,41,050 करोड़ रुपये

जेएनएन, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत का आर्थिक वृद्धि परिदृश्य काफी मजबूत बना हुआ है। यही कारण है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारत के इक्विटी और डेट या बॉन्ड बाजारों में जमकर खरीदारी कर रहे हैं। जुलाई में एफपीआई ने भारतीय इक्विटी और डेट बाजारों में कुल 54,727 करोड़ रुपये का निवेश किया है। बजट से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 6.5 से सात प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के डाटा के अनुसार, एफपीआई ने जुलाई के दौरान इक्विटी बाजारों में 32,364 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश है। यह इस वर्ष दूसरा महीना है जब एफपीआई ने इक्विटी बाजारों में 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। इसी तरह डेट बाजारों में भी 22,363 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। डाटा के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2024 में दो अगस्त तक इक्विटी में शुद्ध एफपीआई निवेश 34,539 करोड़ रुपये और डेट बाजारों में शुद्ध निवेश 94,629 करोड़ रुपये हो गया है। डाटा के अनुसार, इक्विटी, डेट और हाइब्रिड समेत तमाम इंस्ट्रूमेंट्स में अब तक कुल एफपीआई निवेश 1,41,050 करोड़ रुपये हो गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि विभिन्न कारणों से भारत में विदेशी निवेश बढ़ना चाहिए। इसमें पहला कारण यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कई वैश्विक समकक्षों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। इससे यह निवेशकों के लिए आकर्षक बनी हुई है। दूसरा अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती से निवेशक भारत समेत अन्य देशों में बेहतर रिटर्न की तलाश करेंगे। तीसरा सरकार के मजबूत राजकोषीय अनुशासन से भारत की रेटिंग में सुधार हो सकता है, जिससे इसकी निवेश अपील बढ़ सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एफपीआई की गतिविधियां विभिन्न कारकों से प्रभावित होती हैं।

इसमें वैश्विक इक्विटी बाजारों का प्रदर्शन, डालर सूचकांक की चाल, वृद्धिशील भू-राजनीतिक घटनाक्रम और थोड़े ऊंचे मूल्यांकन स्तरों को देखते हुए भारतीय बाजारों में अवसर प्रमुख हैं। इक्विटी के लिहाज से अगस्त की नकारात्मक शुरुआत इक्विटी में एफपीआई निवेश के लिहाज से अगस्त की नकारात्मक शुरुआत हुई है। एक अगस्त को एफपीआई ने इक्विटी बाजारों से 2,853.76 करोड़ रुपये की निकासी की थी। हालांकि, दो अगस्त को विदेशी निवेशकों ने 1,826.35 करोड़ रुपये का निवेश किया।

इस प्रकार अगस्त के पहले दो कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 1,027 करोड़ रुपये की निकासी की है। हालांकि, डेट बाजारों में एफपीआई पहले दो कारोबारी सत्रों में 3,641 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। हाइब्रिड फंडों में एफपीआई 2024 में अब तक 9,035 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।

कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक निवेश

महीना निवेश
जनवरी 25,744 19,837 करोड़
फरवरी 1,539 22,419 करोड़
मार्च 35,098 13,602 करोड़
अप्रैल 8,671 -10,949 करोड़
मई 25,586 8,761 करोड़
जून 26,565 14,955 करोड़
जुलाई 32,364 22,363 करोड़
अगस्त 1,027 3,641 करोड़
कुल 34,539 94,629 करोड़

नोट: सभी आंकड़े करोड़ रुपये में। स्त्रोत: एनएसडीएल