एफपीआइ का निवेश मूल्य दिसंबर तिमाही में 738 अरब डालर पर पहुंचा
कई कंपनियों के आइपीओ आने और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी विदेशी निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजार की तरफ लाने का काम किया। रिपोर्ट कहती है तीन प्रमुख राज्यों के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद राजनीतिक स्थिरता के रुझान ने निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाया। आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिसंबर तिमाही में भारतीय इक्विटी बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) की हिस्सेदारी का मूल्य 738 अरब डालर तक पहुंच गया, जो सितंबर तिमाही की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
मार्निंगस्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में एफपीआइ निवेश का मूल्य 651 अरब डालर था। वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में ऐसे निवेश का मूल्य 584 अरब डालर था।
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इन्हे जाता है श्रेय
रिपोर्ट के मुताबिक, 'इसका श्रेय घरेलू इक्विटी बाजारों के अच्छे प्रदर्शन के साथ-साथ एफपीआइ के मजबूत शुद्ध प्रवाह को दिया जा सकता है।' हालांकि इक्विटी बाजार पूंजीकरण में एफपीआइ का आनुपातिक अंशदान समीक्षाधीन तिमाही में मामूली रूप से गिरकर 16.83 प्रतिशत हो गया, जो सितंबर तिमाही में 16.95 प्रतिशत था।
सितंबर तिमाही में 5.38 अरब डालर की निकासी के बाद अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में विदेशी निवेशक अमेरिकी ट्रेजरी बांड का प्रतिफल कम होने से इक्विटी बाजारों में 6.07 अरब डालर के शुद्ध खरीदार रहे।
निवेशकों के लिए बना अनुकूल माहौल
कई कंपनियों के आइपीओ आने और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी विदेशी निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजार की तरफ लाने का काम किया। रिपोर्ट कहती है, 'तीन प्रमुख राज्यों के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद राजनीतिक स्थिरता के रुझान ने निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाया। अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन ने भी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाई।'
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